BJP के लिए सियासी गलियारे का रास्ता तय करने वाला राम मंदिर(Ram Mandir) मुद्दा अब उसके गले की फांस बनता जा रहा है। पिछले तीन दसकों से चुनावी लाभ ले रही बीजेपी को इस मुद्दे को ना ही छोड़ना बन रहा है, ना ही उठाना ।
दिल्ली और यूपी में सरकार होने के बाद भी मंदिर के लिए कुछ नहीं कर पाना राम भक्तों को रास नहीं आ रहा है और उनको लगता है कि सत्ता में आने के बाद भी मंदिर निर्माण के लिए कुछ नहीं करने वाली BJP अब तरह-तरह की पैतरेबाजी कर रही है।
23 साल से BJP ‘राम मंदिर’ बनाने का वादा कर रही है लेकिन सिर्फ अपना 5 स्टार ‘दफ्तर’ बना रही है
राजनीतिज्ञों के अनुसार मंदिर मुद्दे के नाम पर बीजेपी समर्थन देने वालों में यह परसेप्शन अब BJP के लिए लोकसभा चुनाव-2019 में भारी पड़ने वाला है और इन कारणों से BJP बिल्कुल बैकफुट पर आ चुकी पार्टी को नुकसान हो सकता है।
कवि विश्वास ने ली बीजेपी की चुटकी
लगातार 32 सालों से मंदिर मुद्दे को अपने एजेंडे में शामिल करने वाली BJP पर तंज कसते हुए कवि विश्वास ने कहा है, “ भगवान राम और हम जैसै उनके चरण-अनुरागियों को बधाई कि उनका मंदिर लगातार 32 वें वर्ष भी एजेंडे में जगह पा गया है ! बोलिए जय सियाराम ”
भगवान राम और हम जैसै उनके चरण-अनुरागियों को बधाई कि उनका मंदिर लगातार 32 वें वर्ष भी एजेंडे में जगह पा गया है ! बोलिए जय सियाराम ??
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 8, 2019
वैसे एक दूसरे के पर्यायवाची हो चुके “अयोध्या विवाद और बीजेपी” इस मुद्दे को कब तक भुनाती है और जनता कितना साथ देती है यह लोकसभा चुनाव 2019 में देखने वाला विषय है।