कुदरत ने मौसम और परिस्थिति के हिसाब से अपना रंग बदलने की अद्भुत कला केवल गिरगिट को दी है, लेकिन बदलते जलवायु परिवर्तन ने भारत के नेताओं पर इतना बुरा असर डाला है कि इनमें गिरगिट से भी अधिक रंग बदलने की अद्भुत शक्ति पैदा हो गई है।
वैसे नेताओं में रंग बदलने की यह प्रक्रिया पांच सालों तक अनवरत चलती रहती है, लेकिन चुनावों के मौसम में इस अनोखी कला में ऐसा बदलाव आता है कि बनारस के घाटो पर वर्षों से धुनी रमाए बैठे साधु-संयासी भी अपने दृव्यदृष्टि से उनकी पहचान नहीं कर पाते हैं और वह नेता भाईयों-बहनों हमको तो मां… ने बुलाया है कह सबको ठग कर चला जाता है। वैसे मेरा यह बयान किसी खास नेता के संदर्भ में नहीं लेने की जरुरत है।
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राजनेताओं के इस रंग बदलने की कला के प्रति बॉलीवुड के जानी-मानी अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने इस गुण के प्रति लोगों को सावधान रहने की अपील की है और नेताओं के पांच सालों के काम के आधार पर उनको दोबारा वोट देने को कहा है।
रेणुका शहाणे ने कहा है, “चुनावों के मौसम में विविध राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवार अचानक “आम” आदमी जैसा बस, ट्रेन या मेट्रो का सफर करेंगे, ग़रीबों के घरों में भोजन करेंगे, किसानों के साथ खेती करेंगे वगैरह वगैरह। हम नागरिकों को चाहिये उनके पिछले ५ वर्ष का बर्ताव व काम देखें। अपना हर मत क़ीमती है, सतर्क रहें ”
चुनावों के मौसम में विविध राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवार अचानक "आम" आदमी जैसा बस, ट्रेन या मेट्रो का सफर करेंगे, ग़रीबों के घरों में भोजन करेंगे, किसानों के साथ खेती करेंगे वगैरह वगैरह। हम नागरिकों को चाहिये उनके पिछले ५ वर्ष का बर्ताव व काम देखें।अपना हर मत क़ीमती है, सतर्क रहें ??
— Renuka Shahane (@renukash) April 7, 2019