साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने जनवरी 2021 तक विज्ञापनों में कुल 5,749 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं।

भारत सरकार के आंकड़ो के मुताबिक, सरकार ने साल 2018 से लेकर 2021 में कुल मिलाकर 2299.9 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं।

इन तीन सालों में सबसे ज्यादा पैसा साल 2018-19 में खर्च किया गया है जो कि 1182.17 करोड़ है। वहीं साल 2019-20 में 708.18 करोड़ और 2020-21 में 409.55 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं ।

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले की यूपीए सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में विज्ञापनों पर 3,582 करोड़ रुपये ख़र्च किए थे।

ग़ौरतलब है कि मोदी सरकार ने यह पैसे अपनी छवि सुधारने के लिए खर्च किये हैं । आप आए दिन शहरों में टंगे हुए बड़े बड़े होर्डिंग, अपने फ़ोन पर आए मैसेज से लेकर गूगल एड्स तक के सरकार के विज्ञापन देखते हैं।

आप अलग अलग सोशल मीडिया पेज पर भी सरकार के महिमामंडन की बातें सुनते हैं। उसके साथ ही आप रोज टीवी भी देखते होंगे उसमें भी आप सरकार की नीतियों पर विश्लेषण से ज्यादा उनके एड्स देखते होंगे।

ऐसा कोई दिन नहीं जाता होगा जिस दिन आप सरकार के एड्स और उनसे जुडी बातें न देखें और पढ़े। डिजिटल के जमाने में जनसंचार के माध्यम भी ज्यादा हैं और उनके द्वारा प्रचार प्रसार करना भी पहले से आसान हो गया है।

आलम यह है कि आप 2 करोड़ रोजगार बेशक न दें पर व्हाट्सअप, फेसबुक के जरिये उसमें वाह वाही जरूर लूट लेंगे।

इन सब के बीच सवाल यह उठता है कि यह भारतीय नागरिगों के टैक्स का पैसा है आखिर कोई सरकार अपने प्रचार प्रसार और अपनी छवि सुधारने में कैसे खर्च कर सकती है।

9 महीने से किसान देश की सड़कों पर अपना हक़ मांग रहे हैं, युवा रोजगार मांग रहे हैं, गरीब रोटी मांग रहे हैं। जिस देश में आम आदमी आज भी अपनी मूल भूत चीजे रोटी, कपड़ा, मकान के लिए संघर्ष करता नजर आ रहा है उस देश की सरकार अपने विज्ञापनों में करोडो खर्च कर रही है।

अब आपको बताते हैं कि किन विभागों ने कितना पैसा खर्च किया गया है। जिस देश में महामारी के समय बीमार और असहाए भारतीयों को अस्पताल में बेड तक नसीब नहीं हो रहा था उस देश में केवल 2020-21 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 71.70 करोड़ अपने विज्ञापन पर खर्च कर दिए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 61.79 करोड़, वित्त विभाग ने 43.13 करोड़ और जिस देश का जवान सुरक्षा उपकरणों और खाने से सम्बंधित शिकायतें करता हो उस देश में रक्षा मंत्रालय ने 31.14 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं।

तीन सालों में मंत्रालय-वार विज्ञापन की यह जानकारी एनसीपी की सांसद डॉ. फैजिया खान ने राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मांगी थी।

मानसून सत्र के दौरान 2 अगस्त को जवाब देते हुए सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि तीन वर्ष के दौरान लोक संपर्क और संचार ब्यूरो (बीओसी) द्वारा विज्ञापनों पर किए गए व्यय का मंत्रालय-वार ब्यौरा डीएवीपी की वेबसाइट पर उपलब्ध है ।

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