अक्टूबर 2016 से लापता जेएनयू के छात्र नजीब अहमद को ढूँढने के लिए क्या मोदी सरकार कोई विशेष जाँच दल यानी SIT बनाएगी? इसके जवाब में मोदी सरकार की ओर से जवाब आया है कि, ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने राज्यसभा में लिखित जवाब के ज़रिये ये बात कही है।

 ग़ौरतलब है कि नजीब अहमद दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी का छात्र था। साल 2016 के अक्टूबर महीनें से एबीवीपी के कुछ छात्रों के साथ ‘कथित लड़ाई’ के बाद से वो लापता है।

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2 साल से ज़्यादा वक़्त बीत जाने के बाद भी अब तक नजीब का कोई पता नहीं लग सका है। बेटे की तलाश में माँ फ़ातिमा नफ़ीस जगह-जगह भटकती फिर रही हैं। नजीब के ग़ायब होने के बाद जेएनयू, राजधानी दिल्ली समेत कई जगह प्रदर्शन हुए थे। जाँच की माँग उठी तो मामला सीबीआई तक भी पहुँचा। लेकिन अफ़्सोस की सीबीआई भी नजीब अहमद को ढूँढने में नाकामयाब रही।

अक्टूबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाख़िल करने की इजाज़त दी थी। और नजीब की माँ ने जो मामले में याचिका दायर की थी उसको ख़त्म कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर उन्हें केस की स्थिति रिपोर्ट जाननी  है तो वो निचली अदालत का रुख़ कर सकती हैं।

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