कर्नाटक पुलिस ने एक 25 साल की मुस्लिम महिला को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया है क्योंकि वो पाकिस्तान को गणतंत्र दिवस पर बधाई दे रही थी। गिरफ्तार हुई महिला का नाम कुथमा शेख है, जो बागलकोट जिले में मुधोल की रहने वाली है।

कुथमा पर आरोप है कि 23 मार्च को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस के मौके पर उन्होंने व्हाट्सएप पर पाकिस्तान को बधाई देते हुए एक स्टेटस अपडेट किया, जिसमें उर्दू में लिखा “अल्लाह हर मुल्क में इत्तेहाद, अमन, सुकून अता फरमा मौला.. आमीन”

कुथमा के इस व्हाट्सएप स्टेटस पर आपत्ति जताते हुए अरुण कुमार नाम के व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत कर दी कि वो पाकिस्तान को बधाई दे रही है और समुदायों के बीच आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।

हैरानी की बात ये है कि कर्नाटक पुलिस ने भी इसे आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाला मामला माना और कुथमा शेख को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दो दिन बाद 25 मार्च को उन्हें जमानत दे दी गई।

इस देश में बढ़ती हुई सांप्रदायिकता का आलम ये है कि पड़ोसी मुल्क को गणतंत्र दिवस की बधाई देने पर एक मुस्लिम महिला को गिरफ्तार कर लिया जाता है। जबकि इसी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 23 मार्च को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चिट्ठी लिखते हुए गणतंत्र दिवस पर बधाई दी थी। साथ ही कामना की थी कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने में सख्त कदम उठाए ताकि दोनों देश के बीच अच्छे संबंध कायम हो सकें।

महिला के खिलाफ शिकायत करने वाला व्यक्ति निःसंदेह सांप्रदायिक मानसिकता का रहा होगा, मगर कर्नाटक पुलिस से सवाल होना चाहिए कि किसी देश को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देना सांप्रदायिकता है या फिर मजहब की वजह से किसी व्यक्ति को संदिग्ध बता देना सांप्रदायिकता है?

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