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JNU ABVP

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा के मामले में कुछ नए और चौंकाने वाले ख़ुलासे सामने आए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, जेएनयू में हमला एक साज़िश के तहत किया गया, जिसमें एबीवीपी के पदाधिकारियों सहित जेएनयू के चीफ़ प्रॉक्टर और दिल्ली यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर शामिल हैं।

अखबार ने ये ख़ुलासा हिंसा से जुड़े वायरल हो रहे व्हाट्सएप ग्रुप्स के ज़रिए किया है। अखबार के मुताबिक, जिन व्हाट्सएप ग्रुप्स (Friends of RSS & Unity Against Left) के ज़रिए हिंसा को अंजाम दिया गया, उसके जेएनयू के चीफ़ प्रॉक्टर धनंजय सिंह, एबीवीपी के 8 पदाधिकारी, डूयी से जुड़े कॉलेज के एक शिक्षक और दो रिसर्च स्कॉलर हिस्सा हैं।

बता दें कि धनंजय सिंह 2004 में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रह चुके हैं। जब अखबार ने धनंजय से हिंसा में उनकी भूमिका के बारे में पूछा तो उन्होंने इससे साफ़ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत के बारे में नहीं जानते। उन्होंने कहा कि वह ग्रुप को पहले ही छोड़ चुके हैं।

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वहीं जब ग्रुप में शामिल एबीवीपी के पदाधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी इसमें अपनी भूमिका से इनकार कर दिया। इसी तरह शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज के सहायक प्रोफेसर जिन्होंने ग्रुप में लिखा था ‘सालों को हॉस्टल में घुस के तोड़ो’ से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि वह नोएडा में रहते हैं और उन्होंने फोन काट दिया। जिसके बाद उन्होंने किसी फोन या मैसेज का जवाद नहीं दिया। उनकी फेसबुक प्रोफाइस से पता चलता है कि वह बीजेपी से जुड़े हैं।

दिलचस्प बात तो ये है कि अख़बार ने मामले की पड़ताल कर कई नामों का ख़ुलासा कर दिया और उनसे संपर्क करने की कोशिश भी की, लेकिन जांच का दावा करने वाली पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी भी नाम का खुलासा नहीं किया है। पुलिस ने घटना के 44 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। जिसको लेकर कई तरह के संदेह जताए जा रहे हैं।

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बता दें कि रविवार देर रात कुछ नकाबपोश गुडों ने जेएनयू कैंपस में घुसकर छात्रों और प्रोफेसरों पर हमला कर दिया था। इस हमले में कई छात्र और शिक्षक बुरी तरह घायल हो गए थे।  छात्रों को लोहे के रॉड और डंडों से पीटा गया था, जिसके चलते कई छात्र इतनी बुरी तरह घायल हो गए कि उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करना पड़ा। इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को भी बुरी तरह से पीटा गया, जिसमें उनका सिर फट गया।

हमले में घायल हुए छात्रों ने साफ़तौर पर एबीवीपी के लोगों का नाम लिया है और पुलिस पर उन्हें संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस और एबीवीपी दोनों ही छात्रों के इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं।

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