महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, दलित उत्पीड़न, मानवाधिकार हनन, हत्या के मामलों में नंबर-1 स्थान प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के मोर्चे पर फिसड्डी साबित हुआ है। नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में भाजपा शासित उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नीचे टॉप किया है।

दरअसल, सोमवार को नीति आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया है। इस सूचकांक में सबसे खराब हालत उत्तर प्रदेश का है। वहीं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) द्वारा शासित केरल चिकित्सा सेवा के मामले में नंबर-1 पर है। पिनाराई विजयन के नेतृत्व में केरल पिछले कई वर्षों से नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में टॉप कर रहा है।

दक्षिण के दो और राज्यों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। तमिलनाडु और तेलंगाना स्वास्थ्य मानकों पर क्रमशः दूसरे और तीसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले के राज्य के रूप में उभरे हैं।

इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से तैयार किया गया है। रिपोर्ट में राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं में कितना सुधार हुआ, उसके हिसाब से तुलनात्मक रैंकिंग भी दी गई है। बता दें कि स्वास्थ्य सूचकांक के इस संस्करण को वर्ष 2019-20 की अवधि को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

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