
केन्द्रीय सड़क एंव परिवहन मंत्री नितिन गड़करी , का अपनी ( भाजपा) पार्टी का अंदरूनी सच बेबाकी से बोल जाना काबिले तारिफ है।
गड़करी एकमात्र ऐसे नेता हैं जो इंटरव्यू के दौरान बातों – बातों में पार्टी के सच्चाई बोल जाते हैं और पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर जाते हैं।
आज यानि 18 दिसंबर को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू से भाजपा के चुनावी वादे तथा प्रधानमंत्री फिर से केंद्र में आ चुके हैं। इस इंटरव्यू में नितिन ने अपने कामों तथा मंत्रालय की खूब तारीफ की।
मगर वहीं चुनाव की बात आई तो उन्होंने स्वीकार किया कि चुनाव के दौरान किए गए वादे चुनाव जीतने के लिए होते हैं। ये इम्प्रेक्टिकल वादे होते हैं, केवल जनता को ठगने के लिए।
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नितिन ने मुम्बई चुनाव से संबंधित एक किस्सा भी सुनाया। बताया कि मुम्बई से गोपीनाथ मुंडे और देवेंद्र फंडवीस मेरे पाए आए और बताया कि ट्रोल टेक्स से मुक्त करने का वादा वो अपने मेनिफेस्टो में शामिल करने वाले हैं।
गडकरी ने बताया कि उन्होंने मुंडे और फंडवीस को ऐसा करने से मना किया, मैंने कहा भी ये मुश्किल है। आर्थिक समस्या बढ़ेगीं सरकार पर। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब चुनाव जीत जाएंगे उसके बाद सोचेंगे क्या करना है।
इसे पहले भी गडकरी ने पार्टी के ऐसे ही सच का उजागर किया था। एक मराठी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 2014 के लोकसभा के चुनाव में यकिन था कि हमें सत्ता नहीं मिलेगी।
गडकरी ने स्वीकार किया कि हमने लोगों से बड़े बड़े चुनावी वादे करने के बाद ही हम चुनाव जीत जीत पाए। और अब जब लोग हमें हमारे वादें याद करवाते हैं तो हम बिना कुछ बोले निकल जाते हैं।
परिवहन मंत्री की बातों से ये साफ है कि प्रधानमंत्री द्वारा किए गए सारे वादे फिर चाहे वो सभी के खातों में 15 लाख पर डालने या फिर देश से जातिवाद- सम्प्रदायवाद का खात्मा करना हो सब वादे झूठे हैं।
न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू से लोग प्रभावित हुए, लोग गडकरी की तरफ करते नहीं थक रहे है।
पत्रकार स्वाती चतुर्वेदी ने नितिन की तारीफ करते हुए ट्वीट किया –मैं वाक्य प्रशंसा करती हूं नितिन गडकरी की, वो झूठ को झूठ कहने से नहीं परहेज करते और कैबिनेट में वो एक ऐसे मंत्री है जो सच को स्वीकार करते हैं।