NDTV की एक खबर के अनुसार, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने घूसखोरी के मामले में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को क्लीन चिट दे दी है।
सीबीआई को वर्मा के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिले हैं। वर्मा पर सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने भ्रष्टाचार के एक मामले में रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
NDTV की इस खबर के अनुसार- सूत्रों के मुताबिक, सीवीसी को पैसों के लेनदेन को लेकर आलोक वर्मा के ख़िलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।
कथित तौर पर इसके बाद वर्मा को मुख्य आरोपों से बरी कर दिया गया है। सीवीसी को इस मामले में भ्रष्ट्राचार के सबूत तो नहीं मिले, लेकिन प्रशासनिक खामियां ज़रूर मिलीं।
दरअसल, आलोक वर्मा ने हैदराबाद के व्यापारी सतीश सना से तीन करोड़ रुपये की कथित घूस लेने के आरोप में सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
जिसके बाद अस्थाना ने ख़ुद को बचाने के लिए आलोक वर्मा पर ही इस मामले में दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप मढ़ दिया था।
इस मामले ने जब तूल पकड़ा और अस्थाना को बीजेपी का करीबी बताकर निशाना साधा जाने लगा तो मोदी सरकार ने मामले में दखल देते हुए दोनों को छुट्टी पर भेज दिया और आलोक वर्मा की जगह नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया। जिसके बाद अब सीवीसी दोनों अफसरों के खिलाफ जांच कर रही है।
वर्मा को क्लीन चिट दिए जाने के बाद पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पह पर बहाल करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीच कर लिखा, “मैंने बार-बार यह बात कही है कि वर्मा क्लीन हैं। सुप्रीम कोर्ट को उन्हें बहाल करना चाहिए और राफेल घोटाले की जांच के आदेश देने चाहिए”।
As I have repeatedly said Verma is squeaky clean. The SC needs to reinstate him & order a probe in to the #RafaleScam https://t.co/dvLHCWLpOe
— Swati Chaturvedi (@bainjal) November 15, 2018