मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दवाब महाराष्ट्र गवर्नर ने ये फैसला लिया है।

राष्ट्रपति शासन लगने से होने वाले नुकसान की ओर इशारा करते हुए दिग्विजय सिंह कहते हैं- बीजेपी अमीरों की पार्टी है और अब उसके नेता विधायकों की खरीद-फरोख्त में लग जाएंगे।

इससे पहले यूथ कांग्रेस ट्वीट करते हुए लिखा- संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में लगाया राष्ट्रपति शासन । साथ ही लिखा – राज्य पर राष्ट्रपति शासन लगवाने के लिए राज्यपाल द्वारा दिखाई गई बेचैनी एक असंवैधानिक काम है। ये संवैधानिक अधिकारों का हनन है और यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है।

आपको बता दे कि जब एनसीपी नेता महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने की कोशिश में लगे हुए थे, कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों की संख्या के बाद आवश्यक नंबर जुटाने में जद्दोजहद कर रहे थे, तभी महाराष्ट्र के राज्यपाल राष्ट्रपति कार्यालय से संपर्क साध रहे थे, राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर रहे थे।

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राज्यपाल की बेचैनी का आलम ये था कि उन्होंने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए जो वक्त दिया था उससे पहले ही राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दिए और देश के राष्ट्रपति भी इतने तत्पर दिखे कि उन्होंने तुरंत 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू भी कर दिया।

सब कुछ इतनी जल्दबाजी में किया गया तो सवाल उठने लगे कि क्या ये वही राज्यपाल हैं जो बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 14 दिन दे दिए थे और अब तीन विपक्षी दलों को अपना बहुमत की संख्या जुटाने के लिए कुछ घंटे नहीं दे रहे हैं।

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