
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष की नई मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. गीता गोपीनाथ की रिपोर्ट को लेकर देश में एक बार फिर 2016 में हुई नोटबंदी पर बहस शुरू हो गई है।
खुद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए मोदी समर्थकों से पूछा है कि क्या मोदी समर्थक अर्थशास्त्री डॉ. गीता गोपीनाथ की रिपोर्ट के बाद भी नोटबंदी को सही ठहरा सकते हैं।
उन्होंने नोटबंदी पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा है कि नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के साथ हुआ एक अपराध थी।
IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक बार फिर की नोटबंदी की आलोचना, बोलीं- 2 प्रतिशत घट गई विकास दर
आपको बता दें कि हाल ही में दुनिया के चार बड़े अर्थशास्त्रियों ने संयुक्त रूप से यूएस नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीआर) में एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया है।
इस रिसर्च पेपर में भारत में हुई नोटबंदी का जिक्र करते हुए नोटबंदी को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत की नुकसानदायक माना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नोटबंदी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को करीब 2 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा है। साथ ही नोटबंदी के कारण रोजगार सृजन में भी 3 फीसदी की कमी आई है।