आरएसएस की पांचजन्य पत्रिका के पत्रकार निशांत आजाद द्वारा बीते दिनों दर्ज कराए गए एक केस में कहा गया था कि उन्हें व्हाट्सएप पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जान से मारने और ‘सिर को तन से जुदा’ करने जैसी धमकी दी गई है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए गाजियाबाद पुलिस ने केस दर्ज किया और तुरंत जांच शुरू कर दी।

जांच के बाद पता चला कि पांचजन्य पत्रिका के पत्रकार निशांत आजाद को यह धमकी उनके मित्र प्राणप्रीय वत्स ने दी थी।

हालांकि पुलिस ने बताया कि उन्होंने निशांत आजाद के दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है। बीते दिनों 12 सितंबर को निशांत आजाद ने कहा था कि व्हाट्सएप पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है।

धमकी में कहा गया कि वो जिस तरह किसी धर्म विशेष को गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं उसे बंद कर दे वरना उन्हें और उन्हें परिवार को जान से मार दिया जाएगा।

दरअसल यह पहली घटना नहीं है। बीते दिनों गाजियाबाद के ही एक डॉक्टर अरविंद वत्स ने पुलिस में केस दर्ज कराते हुए कहा था कि उन्हें जाने मारते और सर को तन से जुड़ा करने की धमकियां मिल रही हैं।

बाद में पुलिस ने जांच किया तो पाया कि इस घटना को खुद डॉक्टर अरविंद वत्स ने अंजाम दिया था और अपने ही मरीज पर केस दर्ज करवा दिया था।

हाल में हुई निशांत आजाद और डॉक्टर अरविंद वत्स की घटना आपस में कुछ मेल खाती है।

इन मामलों में सस्ती लोकप्रिय पाने के साथ ही साथ जो दूसरी चीज कॉमन है वो विशेष प्रोपगेंडा के तहत एक खास धर्म में टारगेट करना है।

हालांकि पुलिस के जांच के बाद लोगों के घिनौने मंसूबे सामने आए हैं और यह तय पाया गया कि व्यक्तिगत स्वार्थ में निहित होकर सस्ती लोकप्रियता पाने के चक्कर मे ऐसी हरकतों को अंजाम दिया जा रहा है।

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