आपको बर्ख़ास्त बीएसएफ़ जवान तेज बहादुर यादव याद हैं? ये वही जवान हैं जिन्होंने साल 2017 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर दुर्गम इलाक़ों में तैनात जवानों को ख़राब खाना दिए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया गया था। उम्मीद है आप तेज बहादुर यादव को भूले नहीं होंगे।

अब संसदीय कमेटी की एक रिपोर्ट में ख़ुलासा हुआ है कि, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात CRPF यानी केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स के जवानों को खानपान के मामले में दिक़्क़तों का सामना कर पड़ रहा है।

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाली गृह मंत्रालय की स्थाई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि, देश के कई हिस्सों में तैनात जवान कठिन और अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं।

बस्तर के वो इलाक़े जो बाज़ार से काफ़ी दूर है, वहाँ CRPF के जवानों को अच्छा खाना मुहैया नहीं है। उन्हें दोयम दर्जे का खाना, खाना पड़ रहा है। समिती ने जवानों को हो रही खाने की इस परेशानी पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है।

अब सवाल ये है कि, 2014 के आम चुनाव से लेकर आज तक जवानों का नाम लेकर चुनाव मैदान में उतर रही बीजेपी आख़िर जवानों के लिए अच्छी गुणवत्ता का खाना उपलब्ध क्यों नहीं करा पा रही है? जवान दोयम दर्जे का खाना खाने को मजबूर क्यों हैं?

मोदी सरकार उन तक ज़रूरी खानपान पहुँचाने में नाकामयाब क्यों है? और सबसे बड़ा सवाल कि जिस BSF के जवान तेज बहादुर यादव को खाने की शिकायत करने पर सेवा से बर्ख़ास्त कर दिया गया था, क्या अब गृह मंत्रालय की स्थाई समिति की रिपोर्ट के बाद उसे वापस BSF में जगह दी जाएगी?

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