उद्योगपति रामदेव के अच्छे दिन अब खत्म होने नज़र आ रहें हैं। क्योंकि अब रामदेव की कंपनी पतंजलि की रफ्तार पांच सालों में पहली बार कम हो गई है।

दअरसल उद्योगपति रामदेव की कंपनी पतंजलि अपनी बिक्री के मामले में पिछले पांच सालों में पहली बार पिछड़ गई है।

साथ ही पतंजलि का मुनाफा भी घटकर लगभग आधा हो गया है। बीते तीन सालों में पतंजलि की बिक्री 4 गुना बढ़ने के बाद यह पहला मौका है जब कंपनी की बिक्री और मुनाफे में कमी आई है।

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कुछ साल पहले चंद उत्पादों के साथ शुरू हुई पतंजलि के आज कपडों तक के शो-रूम खुल चुके है। लेकिन लगातार कई सालों तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी के अच्छे दिन अब खत्म होते नज़र आ रहें हैं।

कंपनी के मुनाफे और बिक्री पर लेगे इस ब्रेक की वजह का एक कारण जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) भी है। साथ ही कंपनी के इस कमजोर प्रदर्शन की एक और वजह कमजोर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है।

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कंपनी के मालिक रामदेव पतंजलि के टर्न ओवर को अगले 3 से 4 सालों में 20,000 करोड़ तक पहुंचाना चाहते थे। जो कि 2016 तक 10,000 करोड़ तक पहुंच गया था।

लेकिन ताजा स्थिति को देखकर तो यही नज़र आता है कि रामदेव को 20,000 के टर्नओवर तक कंपनी को लेकर जाना और कठिन होने वाला है।

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