प्रधानमंत्री मोदी के अराजनीतिक इंटरव्यू के बाद अब बारी है राजनीतिक इंटरव्यू की। इंडिया टुडे ग्रुप को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। जिसमें उनसे सवाल किया गया कि आपने हमेशा ऐसा कहा है कि ‘जीरो टोलरेंस टू टेरर’ तो सवाल ये उठता है कि आपकी पार्टी ने प्रज्ञा ठाकुर को टिकट क्यों दिया ? वो तो आतंकवाद की आरोपी हैं।

इसपर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रज्ञा ठाकुर की तुलना खुद से कर डाली। पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि मुझपर इतना आरोप लगे थे और ऐसा हवा बना दिया था कि आप आज भी अख़बार और ऑनलाइन मीडिया निकालोगे तो शायद लाखों पेज मोदी के खिलाफ मिलेंगें। जिसके प्रभाव में अमेरिका ने मुझे वीजा देने से मना कर दिया, लेकिन जब सच बाहर आया तो तो अमेरिका ने खुद मोदी को निमंत्रण देने के लिए सामने आ गया।

कांग्रेस की झूठ चलाने की कार्य-प्रणाली देखी है और ये कार्य प्रणाली ऐसी है जो इनकी आदत बन गई है। अभी कपिल सिब्बल ने ईवीएम को लेकर के लंदन में जो प्रेस कांफ्रेंस करवाई वो भी वही थे। नोटबंदी को लेकर फालतू कोई वीडियो बनाकर लेकर आये वो भी वही था।

71 पूर्व IAS-IPS बोले- मोदी जी, प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी वापस लीजिए और सविंधान का पालन करिए

इनकी कार्य-प्रणाली ऐसी है कि इन्हीं का कोई चेला होगा, छोटा ऑनलाइन अख़बार होगा। उसमें एक झूठी स्टोरी छपवा देना, फिर दूसरे दिन कांग्रेस का प्रेस कांफ्रेंस करना। फिर तीसरे दिन एक चेला पीआईएल दाखिल करना। फिर 10 दिन गाड़ी चलाना, कुछ झूठ को खींचते रहते है। अपना टीआरपी के लिए ऐसे भी 10 लोग मिल जाते है। उसमें किसी की जिंदगी बर्बाद होती है, कोई सबूत नहीं कुछ नहीं और ये मेरे साथ गुजरात में बहुत हुआ है।

प्रज्ञा को कोर्ट ने हरी झंडी दी जिनके खिलाफ ये खुद कोर्ट में गए थे। वो चुनाव लड़ सकती हैं वो सिंबल है ये जो हिंदू आतंकवाद नाम देकर अपने हजारों साल की विरासत को अपने जो बदनाम किया उसको सामने से ललकारा।

जैसे चौकीदार को चोर कहा मैंने सामने से ललकारा इनका मुंह तभी बंद होगा।

इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि वो भोपाल से चुनाव लड़ने जा रही प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ने के फैसले को वापस नहीं लेंगें। गत गुरुवार को ही 71 पूर्व IAS/IPS ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखते हुए प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी वापस लेने की अपील और कानून का पालन करने की नसीहत दी थी।

मगर पीएम मोदी जिस तरह से प्रज्ञा ठाकुर के लिए बचाव करते हुए नज़र आ रहें है। वो अगर चुनाव जीत जाती है तो उन्हें मंत्री पद मिल जाये या फिर उन्हें सीधे कानून मंत्री का पद दे दिया जाए तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।

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