राफेल डील पर बयान देते हुए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दावा किया हमने HAL को मजबूत किया है। मगर अगले ही उनके दावे खोखले नज़र आने लगा है क्योंकि इन दिनों एचएएल आर्थिक समस्याओं से गुजर रहा है।

हालत ये बन गए है कि वहां काम कर रहें क्रमचारियों का वेतन देने के भी पैसा नहीं है इसकी वजह है HAL के पास पिछले साल से काम तक नहीं है।

दरअसल लोकसभा में राफेल डील पर चर्चा करते हुए कहा था कि आपको एचएएल की चिंता है। आपको ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि मिशेल (अगुस्ता घोटाले का बिचौलिया) यहां आ गया है।

आपने अगुस्ता वेस्टलैंड का ठेका एचएएल को क्यों नहीं दिया? इसलिए नहीं दिया क्योंकि एचएएल आपको कुछ नहीं देता।

रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद एचएएल की हालत उजागर करते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया ने आर्थिक हालत के बारें जानकारी दी है जिसमें कहा गया कि एचएएल के पास बीते अक्टूबर में अपने 29,000 कर्मचारियों की 3 माह की सैलरी देने के ही पैसे बचे थे,

जो कि करीब 1000 करोड़ रुपए थे। अब स्थिति और भी खराब हो गई है और कंपनी के पास अपने कर्मचारियों की सैलरी देने अन्य खर्चे पूरे करने और यहां तक कि अपने वेंडर्स को भुगतान करने के पैसे भी नहीं बचे हैं।

इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल ने सोशल मीडिया पर लिखा, HAL जाए गर्त में, अम्बानी-अडानी बाबा का कुनबा ऐसे सभी सरकारी उपक्रमों की कीमत पर फलता फूलता रहे! क्यों फ़क़ीर मोदी जी? झोला भर लिए?

बता दें कि राफेल डील में एनएएल को शामिल न करने को लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार पर जमकर हमला बोल रहें है। ऐसे में एचएलएल को खतरा मंडरा रहा है वो मोदी सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।

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