सिख विरोधी दंगों में आए फैसले पर अब प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पीएमओ के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, चार साल पहले ये भी किसी ने नहीं सोचा था कि 1984 के सिख नरसंहार के दोषी कांग्रेस नेताओं को सज़ा मिलने लगेगी, लोगों को इंसाफ मिलने लगेगा। ऐसा कहकर पीएम मोदी ने अदालती फैसले पर राजनीतिकरण किया है।

दरअसल सिख दंगों की साजिश रचने वाले कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दे दिया गया है। हाईकोर्ट ने दो और दोषियों की सजा 3 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी है।

हाईकोर्ट का ये फैसला निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सज्जन कुमार को सिख दंगों में भड़काने में दोषी पाया है और उम्र कैद की सजा सुनाई।

पीएम मोदी के इस बयान पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अनाम विद्रोही ने लिखा- आशा करता हूँ 2002 के दंगों में शामिल आतंकियों को भी जल्द सजा मिलेगी अटल जी की बात याद आ गई राजधर्म नही निभाया था आपने

शैलेश ने लिखा- यह तो कानूनी प्रक्रिया है जो गलत किया उसे सजा मिलना ही था मगर जो 4साल में वादा किया गया था वह अभी तक पूरा नहीं हुआ

मेन मुद्दा यह है मुद्दा वह नहीं की सजा किसकी हुई माफी किसकी हुई जो गलत किया उसे अदालत सजा देगा 2002 में भी गलत हुआ था जिसकी सजाअभी तक अदालत ने नही दिया।

एक और यूज़र ने लिखा, लेकिन 2002 वाले दंगों का जनता ने सोच रखा है कि दोषी जितनी मर्ज़ी ऊंची पदवी पा ले लेकिन एक दिन जरूर जेल जाएगा।

बता दें कि आज़ाद भारत में दो बार बड़े पैमाने पर बहुसंख्यक हिंदुओं ने अल्पसंख्यकों के साथ बर्बरता की। पहली बर्बरता 1984 में हुई।

ये सिख विरोधी दंगा के रुप में दर्ज है। इस दंगे में उग्र हिंदुओं ने अल्पसंख्यक सिखों का नरसंहार किया। तब देश में कांग्रेस की सरकार थी।

दूसरी बर्बरता सन 2002 में गुजरात में हुई। इस दंगे में अल्पसंख्यक मुस्लिमों का नरसंहार किया गया था। तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थें और इस दंगे में उनकी मुख्य भूमिका बताई जाती है। हालांकि नरेंद्र मोदी की तमाम जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में बेदाग साबित हो चुके हैं।

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