एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुलमावा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के नाम पर वोट मांगते नज़र आते हैं, तो दूसरी तरफ़ भोपाल से उनकी पार्टी ही पार्टी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे का अपमान करती दिखाई देती हैं।

साध्वी प्रज्ञा भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहती हैं कि हेमंत करकरे की मौत उनके श्राप से हुई। करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली है। साध्वी ने कहा, “मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ”।

हेमंत करकरे महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख थे। साल 2008 में मुंबई पर हुए हमलों के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में वह शहीद हो गए थे। बहादुरी के लिए साल 2009 में उन्हें अशोक चक्र दिया गया था। लेकिन बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा उन्हें देश का बहादुर सिपाही नहीं बल्कि देशद्रोही मानती हैं। साध्वी ने अपने भाषण के दौरान हेमंत करकरे को देशद्रोही भी बताया।

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साध्वी प्रज्ञा को भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल से मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस नेता दिग्‍व‍िजय सिंह से है। हालांकि आतंकवाद के केस में आरोपी साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने पर ऐतराज़ जताया जा रहा है। विरोधी दल के नेता और मालेगांव ब्लास्ट के पीड़ित परिवार साध्वी की उम्मीदवारी रद्द किए जाने की अपील कर रहे हैं।

अब सवाल यह उठता है कि पुलवामा में शहीद हुए जवानों के नाम पर वोट मांगने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या अशोक चक्र से सम्मानित शहीद हेमंत करकरे का अपमान करने वाली साध्वी प्रज्ञा को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने से रोकेंगे?

आम आदमी पार्टी से जुड़ी डॉ छवि यादव ट्विटर के ज़रिए कहती हैं, “शहीदो के नाम पर वोट मांगने वाले मोदी जी को प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काट देश से माफी मांगनी चाहिए”। 

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में मालेगांव बम धमाके की आरोपी हैं और फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं। हेमंत करकरे ने इस मामले की जांच की थी। महाराष्ट्र एटीएस ने हेमंत करकरे के नेतृत्व में इस मामले की जांच में पाया था की धमाके में इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल साध्वी के नाम पर थी। धमाके में सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि 80 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे।

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