चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के बाद किसी भी पार्टी का बड़ा नेता जरुर अपने घोषणा पत्र में जनता से किए गए वादों के क्रियान्वयन प्रक्रिया की जानकारी पत्रकारों के माध्यम से जनता को देता है, लेकिन आज एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पत्रकारों के सवालों के बच निकले।

मौका था 2019 के बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र जारी करने का। घोषणा पत्र जारी करने के बाद प्रधानमंत्री ने जनता से तमाम वादे किए, लेकिन भाषण के बाद वे एक बार फिर पत्रकारों के सवालों से रुबबरु होने से बच गए।

प्रधानमंत्री द्वारा पत्रकारों से बातचीत नहीं करने के मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने आलोचना करते हुए कहा, “ मोदीजी बधाई। आप इतिहास के पहले प्रधानमंत्री हैं जिसने अपने कार्यकाल मे पत्रकारों के सवाल नहीं लिये। आज बीजेपी के संकल्प पत्र जारी होने के अवसर पर आपके पास ये मौका था जिसे आपने गंवा दिया। बधाई एक बार फिर। ”

मनमोहन को मौन मोहन कहने वाले चुप क्यों हैं मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के पूरा होने में कुछ ही महीने का वक़्त बाकी रह गया है, लेकिन उन्हें ख़ुद को और अपनी सरकार को स्वतंत्र प्रेस के प्रति जवाबदेह बनाने की ज़रूरत आज तक महसूस नहीं हुई है और इतिहास बनाने का दावे करने वाले मोदी लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में एक भी प्रेस कांफ्रेंस न करने वाले पहले प्रधानमंत्री जरूर हैं।

PM आवास और उज्ज्वला के बाद अब संबित पात्रा ने मोदी के ‘हर-घर बिजली’ पहुंचाने की खोली पोल

नरेंद्र मोदी अपने पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह का मजाक बनाते हुए, उन्हें ‘मौन मोहन सिंह’ पुकारा करते थे, लेकिन एक स्वतंत्र प्रेस को उसके सांस्थानिक सम्मान से वंचित करने की अपनी कोशिश में उन्होंने मनमोहन सिंह को जरूर मात दे दी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here