भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने चुनावी मंच पर आते ही विवादित बयान दे डाला है. उन्होंने ये बयान महाराष्ट्र एटीएस के दिवंगत प्रमुख हेमंत करकरे के लिए दिया. उन्होंने कहा कि उनके श्राप से हेमंत करकरे की मौत हो गई. करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली है.
उन्होंने बताया की उनसे बातचीत करने के लिए हेमंत करकरे को मुंबई बुलाया गया था. उनसे कहा गया था अगर सबूत नहीं है तो साध्वी को छोड़ दो. वो व्यक्ति कहता था कि मैं सबूत लेकर आऊंगा और इस साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.
साध्वी ने कहा कि, ‘ये उसकी कुटिलता थी, ये देशद्रोह था, ये धर्मविरुद्ध था. वो मुझसे प्रश्न करता था. ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ तो मैं कह देती थी कि मुझे क्या पता भगवान जानें. ‘तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा,’ मैंने कह दिया अगर आपको ज़रूरत हो तो आप अवश्य जाइये.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे गालियां दी जो मेरे लिए असहनीय था. मैंने करकरे से कहा था तेरा सर्वनाश होगा और ठीक सवा महीने में, सूतक लगता है, जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है तो सूतक लगता है. जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में जिस दिन उसे आतंकवादियों ने मारा उस सूतक का अंत हो गया.’
हेमंत करकरे महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख थे और साल 2008 में मुंबई पर हुए हमलों के दौरान उनकी मौत हो गई थी. बहादुरी के लिए साल 2009 में उन्हें अशोक चक्र दिया गया था.
बता दें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में मालेगांव बम धमाके की आरोपी हैं और फिलहाल बेल पर बाहर हैं. हेमंत करकरे ने इस मामले की जांच की थी. महाराष्ट्र एटीएस ने हेमंत करकरे के नेतृत्व में इस मामले की जांच में पाया था की धमाके में इस्तेमाल हुई मोटरसाइकिल साध्वी के नाम पर थी. धमाके में सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि 127 लोग घायल हुए थे.