महाराष्ट्र की राजनीति विधायकों की खरीद-फरोख्त, दल-बदल की राजनीति, राज्यपाल के एकतरफा तिकड़म के इर्दगिर्द घूम रही है। कुल मिलकर महाराष्ट्र में ‘लोकतंत्र’ को धज्जियां उड़ा दी गई हैं। रातों रात राष्ट्रपति शासन हटाकर तड़के सुबह बिना विधायकों के समर्थन दिए ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
अजीत पवार एनसीपी नेता हैं। अजीत पवार के सिर्फ दावे पर ही बीजेपी ने राज्यपाल बीएस कोश्यारी के सामने सरकार बनाने के दावा पेश कर दिया। हैरानी की बात यह है कि राज्यपाल ने इसे मंजूर भी कर लिया। बीजेपी का दावा है कि उसके पास एनसीपी के विधायकों का समर्थन है तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि उनके सभी विधायक पार्टी के साथ के साथ हैं।
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इसी बीच एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल उप मुख्यमंत्री को मनाने के लिए अजित पवार के घर पहुंचे हैं। तो दूसरी तरफ एनसीपी के गायब चार विधायक मुंबई पहुंच रहे हैं। पार्टी का दावा है कि उसके 54 में से 53 विधायक शरद पवार के साथ हैं।
इस पूरे मामले पर शिवसेना की नेता प्रियंका चर्तुवेदी ने ट्वीट करके बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “धन-बल और समय तुम्हारे पास, आंकडें और सत्य हमारे पास।”
धन-बल और समय तुम्हारे पास, आँकड़े और सत्य हमारे पास। #MahaDeceit
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) November 25, 2019
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को तय था कि शनिवार को कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनेगी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन शनिवार की सुबह एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ जिसमें सभी नियमों और कानून को तोड़कर बीजेपी ने सरकार बना ली। महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
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बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने अपने चार वरिष्ठ नेताओं को दूसरी पार्टियों के विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल करने का जिम्मा सौंपा है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि इसके लिए बीजेपी विधायकों को 50 करोड़ रुपये दे रही है। इसीलिए कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने अपने विधयाकों को अलग-अलग होटलों में ठहराया है।