प्रदेश को अपराध मुक्त करने का दावा करने वाली योगी सरकार पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है। सोनभद्र में आदिवासियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। इन मौतों से बद से बदतर होती जा रही कानून व्यवस्था की पोल खुल चुकी है।
अब प्रियंका गांधी जब पीड़ितों से मिलने पहुंची तो उन्हें गिरफ्तार कर गेस्ट हाउस भेज दिया गया.
सोनभद्र मामले में हुई हत्याओं पर पीड़ितों से मिलने पहुंची कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सोनभद्र पहुंची तो जिला प्रशासन ने उन्हें वहां गिरफ्तार कर वापस भेज दिया। जिसके लिए प्रशासन को इलाके में धारा 144 भी लगानी पड़ी।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका ने कहा कि मुझे नहीं पता कि कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं। लेकिन झुकेंगे नहीं। हालांकि चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी फिर धरने पर बैठ गईं और कहा कि जब तक उन्हें पीड़ित परिवारों से नहीं मिलने दिया जाता है तब तक वह वापस नहीं जाएंगी।
इससे पहले SDM की गाड़ी में प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस लाया गया। सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी ने पुलिस के पास रोके जाने का ऑर्डर नहीं होने की दलील दी। प्रियंका गांधी को मिर्जापुर के करीब नारायणपुर में रोका गया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गई थीं। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि मुझे किस आदेश के तहत रोका गया।
Priyanka Gandhi Vadra in Narayanpur on if she has been arrested: Yes, we still won't be cowed down. We were only going peacefully to meet victim families(of Sonbhadra firing case). I don't know where are they taking me, we are ready to go anywhere.' pic.twitter.com/q1bwkucl0g
— ANI UP (@ANINewsUP) July 19, 2019
दरअसल उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में गुर्जर समुदाय के लोगों ने आदिवासी गोंड समुदाय पर हमला कर दिया। एक ही पक्ष के 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 लोग घायल हैं।
इस नरसंहार में एक आईएस का नाम सामने आ रहा है। 2 साल पहले पूर्व आईएएस आशा मिश्रा और उनकी बेटी ने यह जमीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त को बेच दी थी। इसी जमीन पर कब्जे के लिए ग्राम प्रधान करीब 200 हमलावरों के साथ पहुंचा था। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो सैकड़ों राउंड फायरिंग कर लाशें बिछा दी गईं।
जानकारी के मुताबिक लगभग 30 ट्रैक्टर ट्रालियों से गुंडे भरकर ले आने वाले भू-माफिया ने 9 आदिवासियों की बेरहमी से हत्या कर दी। यहां 100 बीघे जमीन को लेकर एक पुरानी रंजिश के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया।
जिस जमीन को लेकर विवाद हुआ है वो जमीन प्रधान ने दो साल पहले ही खरीदी थी। बुधवार को प्रधान अपने लोगों के साथ जमीन कब्जाने पहुंच गया। इसपर स्थानीय लोगों ने विरोध किया, जिसके बाद फायरिंग शुरू हो गई। दोनों पक्षों से लोग गड़ासा, कुदाल, फावड़ा लेकर एक दूसरे को मारने के लिए टूट पड़े।