लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार अब थम गया है। अब कोई भी पार्टी या नेता चुनावी रैली कर लोगों से वोटों की अपील नहीं कर सकते। ऐसे में अब प्रचार के नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताबड़तोड़ चुनावी रैलियों के बाद अब भगवान शिव की शरण में केदारनाथ पहुंच गए हैं। उनके साथ मीडिया का पूरा जत्था भी वहां पहुंचा है, जो केदारनाथ में पीएम मोदी की हर गतिविधि का अपडेट लोगों तक पहुंचा रहा है। इसका मतलब भगवान की शरण में भी पीएम मोदी का ज़ोरदार प्रचार हो रहा है।
पीएम मोदी का केदारनाथ में ज़ोरदार स्वागत भी हुआ। उनका स्वागत इस तरह किया गया जैसे किसी महाराजा का किया जाता है। मंदिर में उनके प्रवेश के लिए लाल कालीन बिछाई गई और वह इस कालीन पर एक राजा के अंदाज़ में चलते नज़र आए।
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पीएम मोदी इस दौरान आसाधारण लिबास में भी नज़र आए। उन्होंने एक लंबी शॉल पहनी हुई है, जो लाल कालीन पर रगड़ खा रही है और वह किसी महाराजा की तरह कैमरों की छांव में मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी की मंदिर में इस अंदाज़ में एंट्री और उसपर मीडिया की कवरेज को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि उनके इस दर्शन कार्यक्रम को इस कदर भव्य मतदान को प्रभावित करने के लिए बनाया गया है। पत्रकार रवीश कुमार ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा, “शिव के भक्त तो जलती धूप में नंगे पांव सैंकड़ों किमी चले जाते हैं। यह भी शिव की भक्ति का एक तरीका है। मतदान को प्रभावित करने के लिए लाल कालीन पर चल कर भोले तक पहुंचा जाए”।
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वहीं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर लिखा, “भगवान ख़ुद लाल क़ालीन बिछा कर आपसे मिलने आ जाते, आपको जाने की क्या ज़रूरत थी? माने हद है…जनता अब सब प्रतीकात्मक चाले समझती है”।
भगवान ख़ुद लाल क़ालीन बिछा कर आपसे मिलने आ जाते, आपको जाने की क्या ज़रूरत थी?
माने हद है…जनता अब सब प्रतीकात्मक चाले समझती है। pic.twitter.com/PgIt3cRq2f
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 18, 2019
ग़ौरतलब है कि मोदी के दौरे के बीच 19 मई को आखिरी चरण की वोटिंग भी होनी है। इस चरण में पीएम मोदी की संसदीय सीट वाराणसी भी शामिल है। मतदान के बीच पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम है, क्योंकि कहा यह जा रहा है कि प्रधानमंत्री चुनावी रण में ताकत झोंकने के बाद अब भगवान से अपनी जीत का आशीर्वाद भी मांगेंगे।