इस साल के मार्च महीने में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करेगी।

विपक्षी दल योगी के राज की चाहे जितनी आलोचना कर लें, मगर योगी आदित्यनाथ अपने दो साल के कार्यकाल को रामराज्य मान रहे हैं।

योगी सरकार में भले ही गाय के नाम पर लोगों को मारा गया हो, या हाल ही में गाय के नाम पर बुलंदशहर में भड़की हिंसा के बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बीजेपी के सहयोगी संगठनों द्वारा की गई हत्या। फिर भी योगी अपने कार्यकाल को अच्छा बता रहे हैं।

योगी बोले- मेरे राज में कोई ‘दंगा’ नहीं हुआ, पत्रकार बोले- फिर बुलंदशहर क्या था? क्या दंगे का नाम भी बदल दिया?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है कि, “मार्च में मेरे शासनकाल के दो वर्ष पूरे होंगे। मेरे अब तक के शासन में, कोई दंगा नहीं हुआ है।”

योगी के इस ट्वीट पर चारों तरफ से लोग प्रतिक्रिया देने लगे हैं। क्योंकि योगी सरकार में ये देखने को मिला है कि, सरकार पुराने शहरों और स्मारकों का नाम बदलकर अपने नेताओं के नाम पर रख रही है। इसीलिए योगी बुलंदशहर और कासगंज जैसी हिंसा को वो दंगा नहीं मानते! इसे वो नाम बदलकर ‘शासनकाल’ का नाम दे रहे हैं।

योगी के इस ट्वीट पर कांग्रेस की प्रवक्ता राधिका खेरा बिफर पड़ीं। खेरा ने योगी सरकार पर तीखा हमला करते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि,

मोदी बोले- 4 साल पहले किसी ने नहीं सोचा था कि 84 के ‘दंगाइयों’ को सजा होगी, लोग बोले- 2002 वालों का भी नंबर आएगा

“आपके गृह क्षेत्र में सैकड़ों बच्चे बिना ऑक्सीजन के मर गए, निर्दोष जनता का एनकाउंटर कर दिया गया, बेटियां जिंदा जला दी गईं, पुलिसवाले ड्यूटी करते हुए मार दिए गए और योगी आदित्यनाथ खुश हैं कि उनके राज में कोई दंगा नहीं हुआ।”

योगी भले ही ये मानते हों कि उनके राज में कोई दंगा नहीं हुआ हो, लेकिन विपक्ष और पत्रकारों के आरोपों से वो बच नहीं सकते।

क्योंकि बुलंदशहर में गौ हत्या के नाम पर जो भी हुआ उसमें पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या और यूपी में बेटियों को जिस तरह से जिंदा जला दिया जा रहा है योगी राज की पोल खोलने के लिए काफी है।

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