
मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था के खराब स्थिति में पहुंचने पर देश में अलग-अलग स्तर पर चर्चाएं जारी हैं।
मोदी सरकार के दो करोड़ नौकरियों के वादे और अच्छे दिनों के सपने के बीच रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने भी भारत की अर्थव्यवस्था के खराब प्रदर्शन पर चिंता जाताई है।
रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था देश में पर्याप्त संख्या में नौकरियां नहीं बना रही है और विकास का लाभ भी हर किसी तक नहीं पहुंचा रहा है।
उन्होंने अर्थव्यवस्था की खराब हालत पर बोलते हुए कहा कि आप देख सकते हैं कि ढाई करोड़ लोग रेलवे की 90 हजार नौकरियों के लिए आवेदन कर रहें हैं।
यह बातें रघुराम राजन देश के जान माने अर्थशास्त्रियों के बीच कहीं हैं। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों से भारत की 7 फीसदी दर काफी अच्छी है लेकिन इसका फायदा कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिला है। एक देश का एक बड़ा वर्ग अभी भी इससे वंचित हैं।
राघुराम राजन ने इस कार्यक्रम के दौरान किसानों का भी जिक्र किया और कहा कि किसानों की कर्ज माफी उनकी समस्याओं का हल नहीं कर सकती है। और कर्ज माफी का फायदा भी जरूरत मंद किसानों की बजाए बड़े किसानों को मिलाता है।
उन्होंने कहा कि कर्ज माफी से सिर्फ राज्य और केंद्र की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है। और यह कृषि निवेश को भी रोक देता है।
साथ ही रघुराम राजन ने किसानों की कर्ज माफी के वादे को चुनावों में प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग को उन्होंने पत्र लिखा है कि इसपर प्रतिबंध लगाया जाए।