साल 2017-18 में बैंकों से 41147.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। पिछले साल 23923 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी इस हिसाब से इस साल बैंकों को 72 फ़िसदी ज़्यादा का चूना लगा है। ये आँकड़ा RBI द्वारा जारी किया गया।
इस राशि का 80 फ़ीसदी हिस्सा 50 करोड़ या उससे बड़े अमाउंट का बैड लोन शामिल है। ज़ाहिर है कि किसान 50 करोड़ का लोन नहीं लेता। ये लोन उद्योगपति, या बड़े कारोबारी ही लेते हैं।
साल 2013-14 में मनमोहन सिंह की सरकार के समय बैंकों से 10170 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी।
RBI के आँकड़े बताते हैं कि बैंकों से धोखाधड़ी के ज़रिये की गई लूट पिछले चार सालों से बढ़ती ही जा रही है। यानी मोदी जी का न खाऊँगा न खाने दूँगा का नारा चुनावी सभा तक ही सीमित था।
जबकि हक़ीक़त ये है कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने उन्हीं के नाक के नीचे से बैंकों से फ़्रॉड किया। और फ़रार हो गए। इनमें शराब कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी प्रमुख नाम हैं। जिन्होंने बैंको से धोखाधड़ी करके पैसों का गबन किया है।
(विजय माल्या ने दावा किया था कि वो देश छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मिला था। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं कि ‘माल्या जी को चोर कहना अच्छी बात नहीं है’)
आरबीआई का आँकड़ा आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हलावर हुए। कांग्रेस प्रमुख ने ट्वीटर पर लिखा-
चौकीदार का भेष,
चोरों का काम।
बैंकों के 41,167 करोड़,
सौंपे जिगरी दोस्तों के नाम।
41,167 करोड़ में:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के मुताबिक़ बैंकों से जो 41 हज़ार 1 सौ 67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इतने पैसो में-
MNREGA पूरे एक साल चल जाता।
तीन राज्यों के किसानों का कर्जा माफ।
40 AIIMS खुल जाते।