23 फरवरी बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा का बजट पेशे किया था। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने रंगभेदी टिप्पणी की थी। सतीश पूनिया ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि बजट ऐसा लग रहा है कि किसी काली दुल्हन को ब्यूटी पार्लर में ले जाकर अच्छे से श्रृंगार करके पेश कर दिया गया हो। इससे ज्यादा इस बजट में मुझे कुछ नहीं लगता।

सतीश पूनिया के इस बयान की काफी निंदा की जा रही हैं। इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता है। पुनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि बजट का रूप आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपया जैसा है। बजटीय प्रावधानों का वित्तीय स्त्रोत क्या होगा, समझना मुश्किल है।

वही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने सतीश पूनिया पर निशाना साधते हुए कहते है कि सतीश पूनिया ने इस तरीके का बयान देकर महिलाओं का अपमान किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मौजूदा बजट की तुलना एक काली दुल्हन से कर दी। इस तरह की अभद्र और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से न सिर्फ महिलाओं का अपमान किया है, बल्कि महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है। महिलाओं, बहनों और बेटियों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना भाजपा नेताओं की पहचान बन गयी है।

कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने एक बयान में कहा कि राजस्थान के वार्षिक बजट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ये जो घटिया बयान दिया है ये कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा, महिला विरोधी मानसिकता भाजपा के डीएनए में है। भाजपा और आरएसएस के नेता पहले भी महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कर चुके हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री माननीय स्मृति ईरानी जी हर बार की तरह इस बार भी चुप्पी साधे हुए हैं।

हालांकि गुरुवार को सतीश पूनिया ने अपने इस आपत्तिजनक बयान पर माफी मांग ली है। एक बयान जारी कर कहा है कि बुधवार को पेश हुए राज्य बजट पर मैं भाजपा पार्टी का पक्ष रख रहा था। उस दौरान अनायास मुंह से कुछ शब्द निकले। मेरे उन शब्दों से किसी को बुरा लगा हो, भावनाएं आहत हुई हों तो मैं विनम्रता से क्षमा प्रार्थी हूं।

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