पीएम मोदी इन दिनों देश के तमाम मुद्दों को छोड़कर कांग्रेस के उन नेताओं को याद करते नज़र आ रहे हैं जो गांधी परिवार से नहीं थे।

सरदार पटेल के बाद अब पीएम मोदी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी का राग अलापा है। उन्होंने केसरी को लेकर दावा किया है कि कांग्रेस ने उनके साथ भेदभाव किया।

पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने कांग्रेस को चुनौती थी कि 5 साल के लिए परिवार से बाहर किसी को पार्टी का अध्यक्ष बनाएं।

देश को पता है कि सीताराम केसरी जैसे दलित पीड़ित शोषित समाज से आए हुए व्यक्ति को पार्टी के अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया था। कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था। कैसे दरवाजे से निकालकर उठाकर फुटपाथ पर फेंक दिया गया था और मैडम सोनिया जी को बैठा दिया था”।

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पीएम मोदी ने यह आरोप कांग्रेस के उस दावे पर पलटवार करते हुए लगाए, जिसमें कहा गया था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को ऐसा लोकतंत्र दिया जिसके नतीजे में एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन गया।

पीएम मोदी ने कहा कि जिस कांग्रेस में गांधी परिवार के सिवा किसी नेता को सम्मान नहीं मिला, वो मेरे प्रधानमंत्री बनने का क्रेडिट ले रही है।

मगर पीएम मोदी ये भूल गए कि सीताराम केसरी बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर के रहने वाले जोकि दलित बल्कि पिछड़ी जाति से आते थे।

प्रधानमंत्री के इस गलत बयान पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा- रोज़ नई झूठ परोसना अब मोदीजी की आदत हो गई है।

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वहीँ उन्होंने सम्मान दिए जाने वाले बयान पर लिखा- मोदीजी कृपया अपने गिरेबाँ में झाँककर भी बताएँ की आपने भाजपा के इन क़द्दावर नेताओं से कैसा व्यवहार किया- लाल कृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र, केशुभाई पटेल, हीरेन पण्ड्या, सुरेश भाई मेहता, संजय जोशी।

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