मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश किया। इस बजट के बारे में उन्होंने कहा कि यह अगले 25 सालों में आर्थिक सुधार के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा।

अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कुल पाँच बार ‘अमृत काल’ का जिक्र किया। दरअसल देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर देश भर में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर्व मनाया जा रहा है। इसी अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, अब हम अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं, 25 वर्ष की लंबी यात्रा के बाद हम भारत की आज़ादी का 100वाँ महोत्सव मनाएंगे।

यानी मोदी सरकार ने आजादी के 100 सालों को ‘अमृत काल’ की संज्ञा दी है। और आम बजट को ‘अमृत काल’ के अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट बताया गया है। कुल मिलाकर बात ये कि अपने वादों को पूरा करने में असफल रही मोदी सरकार नए-नए कालखंड गढ़कर पूराने वादों से पल्ला झाड़ रही है।

सरकार की इसी चालाकी पर वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने तंज करते हुए लिखा है, इस बजट में एक नए कालखंड का पता चला है जिसका नाम अमृत काल है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा है कि हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और और अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं।

अपने एक ट्वीट में रवीश लिखते हैं, ‘यात्रीगण, कृपया ध्यान देना बंद कर दें। भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। अमृत चख लें और अजर अमर हो जाएँ। रोज़गार, वेतन, पढ़ाई इन सबकी चिन्ता से मुक्त हो जाएँ। अमृत काल चल रहा है। 2022 का नया इंडिया अब 2047 में आएगा। ये गाड़ी चलती स्टेशन से है मगर स्टेशन पर कभी पहुँचती नहीं।‘

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