असमानता के ख़िलाफ़ काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था Oxfam की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत के 9 रईसों का क़ब्ज़ा देश की 50 फ़ीसदी आबादी के संपत्ति के बराबर है। जी हाँ!… सही सुन रहे हैं आप।

देश के 50 फ़ीसदी ग़रीब आबादी के पास जितनी संपत्ति है उसके बराबर संपत्ति सिर्फ़ 9 अमीरों के पास है। 9 इतनी छोटी संख्या है जिसे उंगलियों पर गिना जा सकता है।

Oxfam की रिपोर्ट देश में आर्थिक असमानता की पोल खोलकर रख देती है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि, साल 2018 में भारत के 1 फ़ीसदी धन्नासेठों की संपत्ति में 39 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि 50 फ़ीसदी ग़रीब आबादी की संपत्ति में मात्र 3 फ़ीसदी की मामूली बढ़ोत्तरी हुई है। कहाँ 39 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी और कहाँ 3 गुने की बढ़ोत्तरी… वाक़ई बड़ा फ़र्क़ है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि, पिछले साल देश के अरबपतियों की संपत्ति में रोज़ाना 2200 करोड़ रूपये का इज़ाफ़ा हुआ है।

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रिपोर्ट ये कहती है कि, भारत में अमीर बच्चों की तुलना में ग़रीब बच्चों की मौत उनके पहले जन्मदिन से पहले होने की आशंका 3 फ़ीसदी ज़्यादा है।

रिपोर्ट कहती है कि भारत सरकार अगर 1 फ़ीसदी अमीरों से 0.5 फ़ीसदी टैक्स अगर ज़्यादा लेती है तो इससे उसके पास इतना पैसा हो जाएगा कि वह हेल्थ सेक्टर में 50 फ़ीसदी ज़्यादा ख़र्च बढ़ा सकती है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में पिछले साल 18 नए बिलिनियर्स बने हैं। इसी के साथ देश में 119 नए बिलिनियर्स बन गए हैं। इन धन्नासेठों की सम्पत्ति 28 लाख करोड़ के पार पहुँच गई है और यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है।

Oxfam की रिपोर्ट कहती है कि, बिलेनियर्स की संपत्ति बढ़ रही है और पब्लिक सर्विस कम फ़ंडिंग या निजि कम्पनियों की आउटसोर्सिंग से जूझ रही हैं। जिससे ग़रीब और ग़रीब होता जा रहा है।

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