
पत्रकारों के लिए भारत दुनिया का पाँचवा सबसे ज़्यादा असुरक्षित देश बन गया है स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था Reporters without Borders ने इस बात का ज़िक्र अपनी एक रिपोर्ट में किया है।
भारत में साल 2018 में 6 पत्रकारों की हत्या और कइयों पर जानलेवा हमले हुए। रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा पत्रकारों को धमकाने और सोशल मीडिया पर ट्रोल करने का ज़िक्र भी किया गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि भारत में पत्रकार डर के साए में जी रहे हैं।
इस साल 6 पत्रकारों की हत्या के साथ भारत और अमेरिका एक ही पायदान पर हैं। अमेरिका में भी इस साल 6 पत्रकारों की हत्या हुई है। हालांकि वो इस लिस्ट में पहली बार शामिल हुआ है। जबकि ये संस्था साल 1995 से लगातार अपनी सालाना रिपोर्ट में पत्रकारों की हत्या, क्रूरता, उनके बंधक बनाने वग़ैरह पर अपनी रिपोर्ट पेश करती रही है।
इंडिया-अमेरिका के अलावा लिस्ट में अफ़ग़ानिस्तान, मैक्सिको. यमन, सीरिया शामिल हैं।
देश पत्रकारों की हत्या
अफ़ग़ानिस्तान 15
सीरिया 11
मैक्सिको 9
यमन 8
भारत 6
अमेरिका 6
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट-
इस साल दुनियाभर में 80 पत्रकार मारे गए हैं। अफ़ग़ानिस्तान लिस्ट में पहले नं. पर है वहाँ इस साल 15 पत्रकार मारे गए हैं। इसके अलावा पूरी दुनिया मे 348 पत्रकारों को जेल में बंद किया गया। 60 पत्रकारों को बंधक बनाया गया और तीन पत्रकार लापता हुए हुए हैं। इन आँकड़ो के साथ रिपोर्ट में ये कहा गया है कि, इस साल पत्रकारों की हत्या में इज़ाफ़ा हुआ है।
रिपोर्ट में मध्यप्रदेश और बिहार का ज़िक्र-
Reporters without Borders ने अपनी रिपोर्ट में 25 मार्च के बिहार में हुए दो पत्रकारों की हत्या का उल्लेख किया है। नवीन और विजय कुमार नाम के दो पत्रकारों को बिहार के गाँव के मुखिया ने अपने ख़िलाफ़ रिपोर्टिंग करने के उन पर SUV चढ़ाकर उनकी हत्या कर दी थी। इसके अलावा इसमें मध्यप्रदेश में मारे गए पत्रकार संदीप शर्मा का भी ज़िक्र हैं जिनको हत्या रेत माफ़ियाओं ने ट्रक से कुचल कर कर दी थी। संदीप अवैध खनन की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने दूरदर्शन के कैमरामैन को मार दिया था। कश्मीर के पत्रकार और राइज़िंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या भी इसी साल उग्रवादियों द्वारा कर दी गई थी।