भारत में प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम दुनिया के उन राष्ट्राध्यक्षों में शुमार हुआ है जो प्रेस की स्वतंत्रता के शिकारी हैं।
अंतरराष्ट्रीय संगठन आरएसएफ यानी रिपोर्टर्स विदाउट बाॅर्डर्स ने ये रिपोर्ट जारी कर पीएम मोदी का नाम प्रेस की स्वतंत्रता का हनन करने वाले राष्ट्राध्यक्षों की सूची में शामिल किया है।
इस सूची को जारी करते हुए बताया गया है कि किस प्रकार से पीएम मोदी ने भारत के विशाल मीडिया साम्राज्य के पूंजीपतियों के साथ मिलकर उनके बेहद विभाजनकारी और अपमानजनक भाषणों के लगातार कवरेज के माध्यम से उनकी राष्ट्रवादी लोकलुभावन विचारधारा को फैलाने में मदद की गई है।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा है और उन्हें बधाई दी है।
श्रीनिवास ने कहा है कि “पीएम मोदी को प्रेस की आजादी का शिकार करने वाले वैश्विक नेताओं की लिस्ट में शामिल होने पर हार्दिक बधाई देते हैं।”
श्रीनिवास ने कहा है कि किम जोंग जैसे 37 राष्ट्र प्रमुखों की सूची में शामिल होने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं.
आरएसएफ के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में शामिल 180 देशों में से भारत का स्थान 142वां है। बताते चलें कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है जिसे मीडिया की आजादी की रक्षा में विशेषज्ञता हासिल है।
आरएसएफ मानता है कि प्रेस मानवता का वो सबसे बड़ा माध्यम है जो सूचनाओं का आदान प्रदान करता है। प्रेस की स्वतंत्रता बुनियादी मानवाधिकार है।
इस सूची के जारी होने के साथ ही पीएम मोदी का नाम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सउदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलिंग और साउथ कोरिया के शासक किम जोंग के साथ ही उन 32 राष्ट्र प्रमुखों में शामिल हो गया है।
जो मनमाने तरीके से पत्रकारों को प्रताड़ित करते हैं एवं सेंशरशिप तंत्र बनाकर मीडियाकर्मियों को मनमामने तरीके से जेल में डाल देते हैं।
आरएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने और 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने प्रेस को अपनी सूचना नियंत्रण विधियों के लिए एक प्रयोगशाला के रुप में इस्तेमाल किया था।
आरएसएफ ने कहा है कि मोदी का प्रमुख हथियार मीडिया समूह के मालिकों से मि़त्रता कर मीडिया को अपने भाषणों और सूचनाओं से भर देना है।
पीएम मोदी ने एक ऐसा तंत्र विकसित कर दिया है जिससे दिन पर वही मीडिया में छाए रहें, उनके भाषण और उनके कार्यक्रमों का ही कवरेज होता रहेे जिससे लोग सिर्फ उन्हीं की ओर आकर्षित रहें और दूसरों के लिए कोई स्पेस बाकी ही न रह पाए।