भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बुरे दिन थमने का नाम ही नहीं ले रहे। 2014 के बाद लगातार कई राज्यों में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पिछले एक साल में कई राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है। अब उसके हाथ से झारखंड भी लगभग निकल गया है।
शाम तक आए रुझानों के मुताबित, झारखंड में बीजेपी की हार लगभग तय हो गई है। 81 सीटों वाली सूबे की विधानसभा में बीजेपी महज़ 25 सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है। वहीं जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन को 46 सीटों पर जीत मिलते हुए दिखाई दे रही है। जो की बहुमत से पांच सीट ज्यादा है।
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झारखंड में भाजपा की बुरी हार पर पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्विटर पर लिखा- खंड खंड पाखण्ड, घमंड। हर घमंड का कभी न कभी “झारखंड” होता ही है।
खंड खंड पाखण्ड, घमंड। हर घमंड का कभी न कभी "झारखंड" होता ही है।
— Rohini Singh (@rohini_sgh) December 23, 2019
वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने लिखा- हरियाणा में कमजोर हुए, महाराष्ट्र में अस्वीकृत हुए, झारखंड में हारे। 2019 में भाजपा की यही कहानी है। भारत के संविधान को बचाने के लिए सभी गैर भाजपा दलों को कांग्रेस के साथ आकर रैली करनी चाहिए।
हरियाणा में कमजोर हुए,
महाराष्ट्र में अस्वीकृत हुए,
झारखंड में हारे।
2019 में भाजपा की यही कहानी है।भारत के संविधान को बचाने के लिए सभी गैर भाजपा दलों को कांग्रेस के साथ आकर रैली करनी चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 23, 2019
बता दे कि चुनावों में बीजेपी की तरफ़ से राम मंदिर, धारा 370 और नागरिकता कानून के मुद्दे को भी भुनाने की जमकर कोशिश की गई। लेकिन जनता ने इन सभी भावनात्मक मुद्दों पर स्थानीय मुद्दों को तरजीह दी और बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
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ग़ौरतलब है कि झारखंड में आखरी चरण के चुनाव 17 दिसंबर को हुए थे, जिसमें 16 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए थे। इन 16 सीटों में बीजेपी सिर्फ 4 सीटों पर ही आगे हैं। आखरी चरण के मतदान नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान हुए थे, इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी को ये नुकसान नागरिकता कानून लाने की वजह से हुआ है।