भाजपा से अक्सर कानून व्यवस्था पर सवाल पूछने वाली कांग्रेस अपने ही द्वारा शासित राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त नहीं रख पा रही है। राजस्थान के बाड़मेर जिले में आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम की बेरहमी से पिटाई की गई। उनके हाथ-पैर तोड़ दिए गए, शरीर में कीलें ठोक दी गईं और पैरों में सरिया आर-पार कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार देर रात को आरोपियों ने अमराराम का अपहरण किया। उन्होनें कार्यकर्ता की पिटाई की और उसके शरीर में कीलें ठोक दी। इसके बाद उन्होंने उसे गांव के पास सड़क के किनारे फेंक दिया। बताया जा रहा है कि अमराराम ने कुछ दिन पहले ही इलाके में चल रहे अवैध शराब के ठेकों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। वो लगातार अवैध शराब माफिआओं के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखवा रहे थे। साथ ही ग्राम पंचायत में होने वाले घोटालों को लेकर भी काम कर रहे थे।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, अमराराम जब बस स्टॉप से अपने घर की ओर लौट रहे थे तभी उनको अगवाह कर लिया गया। फिलहाल पीड़ित का जोधपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रथम दृष्टया पुलिस इसे अवैध शराब कारोबारियों द्वारा किया गया हमला मान रही है।

अमराराम के शरीर में हथौड़े कीलें ठोंक दी गई, उनकी बाजू तोड़ दी गई, उनके पैरों में सरिया आर-पार कर दिया गया। इतनी बड़ी घटना के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब आरटीआई कार्यकर्ता को निशाना बनाया गया हो। ऐसी घटनाएं किसी एक राज्य तक भी सिमित नहीं हैं। इसी साल बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले में एक आरटीआई कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कथित भूमि अतिक्रमण और अनियमितता की जांच कर रहा था। जुलाई महीने में बेंगलुरु में 5 लोगों ने मिलकर एक आरटीआई कार्यकर्त्ता की हत्या दी थी। इस तरह के कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब आरटीआई कार्यकर्ताओं को व्यवस्था की खामियों को उजागर करने की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है।

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