
कल यानी 26 दिसम्बर को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली-यूपी में छापे मारी कर आईएसआईएस माड्यूल ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’ के एक सरगना समेत 10 संदिग्ध लोगों की गिरफ़्तारी का दावा किया। यूपी और दिल्ली में 17 जगह हुई छापे मारी के बाद ये गिरफ़्तारियाँ हुई हैं।
एनआईए के आईजी और प्रवक्ता आलोक मित्तल का कहना है कि ये एक स्व-वित्त पोषित ग्रुप था। जो अपने घरों से सोनू के ज़ेवर चुराते थे और उससे ही अपनी गतिविधियाँ चलाते थे। अब सवाल ये उठता है कि अगर ये ख़ुद के ख़र्च पर चलने वाला कथित आतंकी ग्रुप था तो इसका नाम बार-बार आईएसआईएस के साथ जोड़कर दिखाने का मतलब क्या है?
एनआईए के अधिकारी का ये भी कहना है कि, पकड़े गए लोग दिल्ली में हमले की योजना बना रहे थे। लेकिन उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि कब हमले की योजना बना रहे थे।
मित्तल का कहना है कि ये लोग दिल्ली में राजनीति और सुरक्षा कार्यालयों पर हमले की योजना बना रहे थे। वे रिमोट कंट्रोल बम या फिदायीन जैसे हमले की योजना बना रहे थे।
NIA के मुताबिक़ छापों में 12 अलार्म क्लॉक, 12 पिस्तौल, 100 मोबाइल फ़ोन, 135 सिम कार्ड, कई लैपटॉप और 150 राउंड गोला बारूद बरामद हुआ है। एनआईए ने मौके से पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर, शुगर पेस्ट, मोबाइल फोन सर्किट, बैटरी, 51 पाइप, वायरलैस घंटियां, स्टील कंटेनर, बिजली की तारें, चाकू, तलवारें जैसे 25 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री भी जब्त की है। इसके अलावा आईएस संबंधित साहित्य और साढ़े सात लाख नकद भी बरामद किया गया है।
न्यूज़ 24 की पत्रकार साक्षी जोशी ने इस बरामदगी को लोकल शूटआउट में इस्तेमाल किए जाने वाला सामान बताते हुए ट्वीटर पर लिखा-
वहीं एनआई के इन छापों में मिल सुतली बम और देसी कट्टे पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ पत्रकार और फ़िल्म निर्देशक विनोद कापड़ी ट्वीटर पर लिखते है-
कापड़ी ने एनआईए से भविष्य में होने वाले कथित ब्लास्ट की पूरी सच्चाई बताने के लिए भी कहा-
विनोद के ट्वीट पर भाजपा-संघ समर्थित कपिल मिश्रा ने कापड़ी को जेहादियों को बचाने वाला कहा जिसके जवाब में पत्रकार साक्षी जोशी ने कपिल मिश्रा को आड़े हाथों लिया-