गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री पद की गरिमा भी नहीं रखी। उन्होंने सपा-बसपा और आरएलडी के गठबंधन पर अबतक का सबसे शर्मनाक बयान दिया। मोदी ने कहा कि, “सपा का स, रालोद का रा और बसपा का ब मतलब सराब! (शराब) ये आपको बर्बाद कर देगी।

समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव ने एक टीवी बहस में प्रधानमंत्री को जोरदार जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, “बीजेपी नशे में घूम रही है, देश के प्रधानमंत्री का नशा बनारस में गठबंधन उतार देगा।”

सुनील ने आगे कहा कि, “जो भारतीय जनता पार्टी नशे में घूम रही है, यही गठबंधन है जिसने सीएम योगी आदित्यनाथ का नशा गोरखपुर में उतारा है। यही गठबंधन है जिसने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का फूलपुर में नशा उतरा था। किरण और नूरपुर में किसी ने नशा उतरा था तो वो यही गठबंधन है।” उन्होंने बीजेपी से कहा कि, ये देश आपका नहीं है ये देश 130 करोड़ जनता का है।

 वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए आड़े हाथों लिया। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, “आज टेली प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं।”

उन्होंने आगे लिखा है कि, “सराब को मृगतृष्णा (भ्रम) भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा 5 साल से दिखा रही है। लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।”

शराब को सराब कहते हुए पीएम मोदी ने चुनावी सभा में सार्वजनिक तौर पर शराब का नाम ले लिया। जिस शराब को अबतक नेता अपने क्षेत्र में रातों-रात बंटवाते थे उसी शराब को प्रधानमंत्री पद पर बैठे नरेन्द्र मोदी ने आम जनता के बीच बोल दिया। भले ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी दलों के बारे में कहा हो। क्या ये एक प्रधानमंत्री को बोलना शोभा देता है?

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