चौकीदार संबित पात्रा ने जिस दिन से 2019 लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन भरा है, उस दिन से उन्होंने अपना रूप- रंग भी बदल लिया है. बीजेपी के संबित पात्रा पुरी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. टीवी पर उन्हें चिल्लाते और डिबेट करते सुनते रहते हैं. पर चुनावी हवा ने उनका रुख बदल दिया है. अब वो शांत हो गए हैं, धार्मिक बन गए हैं.

उनका पहनावा किसी कर्मकांडी पंडित से कम नहीं लगता. पुरी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अपने नामांकन का पर्चा भरने गए थे. तब उनका पहनावा काफी अलग था. उन्होंने लाल रंग का कपडा ओढ़ रखा था जैसे किसी मंदिर के पंडित पहनते हैं. माथे पर लम्बा लाल तिलक और गले मे फूलों की माला पहनी हुई थी. हाथ मे कमल का फूल, पार्टी के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा का प्रतीक है. उनके समर्थक भी उनके साथ थे. उन्ही के एक समर्थक ने धनुष बांध रखा था जिसपर तीर, त्रिशूल और अन्य वो सभी अस्त्र-शास्त्र बंधे थें जो हिन्दू गाथाओं मे एक योद्धा के पास होते हैं.

उन्होंने पुरी मे अपने प्रचार से पहले पार्टी कार्यालय मे पूजा कराई. माता अंकुलेश्वरी और दक्षिण काली माता के दर्शन किये. प्रचार के दौरान भगवान जगन्नाथ की मूर्ती हाथ मे लिए जनता को सम्बोधित करते देखे गए. अपना पर्चा भरने से पहले उन्हें भगवान जग्गनाथ के दर्शन करते देखा गया. लगभग हर जगह उन्हें सफ़ेद कुरता, भगवा शॉल, गले मे फूलों से लदी माला और माथे पर तिलक लगाए, चन्दन लपेटे देख सकते हैं.

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धर्म और आस्था का चोला ओढ़े पात्रा ने किसी धार्मिक पैंतरे को नहीं छोड़ा. चुनाव जीतने के लिए प्रचार से अधिक महत्ता उन्होंने धर्म को दी है. नामांकन भरने के बाद उन्होंने शंकराचार्या श्री निश्चलानंद सरस्वती जी का आशीर्वाद लिया. उन्होने उनके पैर छुए और माला पहनाकर उनका अभिनन्दन किया. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘पुरी गोवेर्धन मठ के शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती जी ने डॉ संबित पात्रा को विजय आशीर्वाद दिया.’ यानी चुनाव जीतने के लिए ये सब आस्था की जा रही है. संबित पात्रा लम्बे समय से गौत्र की राजनीति करते रहे हैं.

अक्टूबर 2018 मे राहुल गांधी गुजरात के सोमनाथ मंदिर दर्शन करने गए थे. उन्हें ‘जनेऊ धारी ब्राह्मण’ बताया गया था. इसपर विवादित टिपण्णी करते हुए संबित पात्रा ने राहुल गांधी से पूछा था, ‘आपका गोत्र क्या है?’ उसी साल राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि वे किसी ‘हिन्दुत्व’ को नहीं मानते. इसपर भी संबित खुदको संभाल नहीं सके. उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल ने हिन्दुओं का अपमान किया है.

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भगवा चोला ओढ़ने और माथे पर चन्दन लपेटने का क्या अर्थ है साफ़ समझ आ रहा है. वे खुदको जनता का महामंडलेश्वर साबित करना चाह रहे हैं. लोगों से हिन्दू के नाम पर वोट बटोरना चाहते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है कि आप क्या पहनते हैं. पर क्या आस्था और धर्म का कोई समय निर्धारित है? पूरा साल टीवी पर दिखने के बाद चुनाव के समय ही आपकी भक्ति सामने आती है!

ओडिशा मे 21 सीटों पर चुनाव चार सत्रों मे होगा. पुरी में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. बीजेपी ने इस बार संबित पात्रा पर अपना दाव लगाया है. कांग्रेस ने ओडिशा इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सत्यप्रकाश नायक को टिकट दिया है. दोनों पार्टियां बीजद के मौजूद सांसद पिनाकी मिश्रा को टक्कर देंगे.

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