राजस्थान में बीजेपी को गाय के नाम पर भी वोट नहीं मिले। इसके नतीजे में वसुंधरा राजे सरकार में गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी को सिरोही सीट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

गोपालन मंत्री को कांग्रेस से दो बार विधायक रहे बागी निर्दलीय संयम लोढ़ा ने करीब 10 हजार वोटों से शिकस्त दी है। इसके साथ ही बीजेपी के एक और धर्मगुरु तारातरा मठ के महंत प्रताप पुरी भी पोखरण में चुनाव हार गए।

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गोपालन मंत्री की इस हार का सोशल मीडिया पर जमकर मज़ाक बन रहा है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी सोशल मीडिया के ज़रिए इसपर तंज़ कसते हुए टिप्पणी की है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “2018 में गाय मंत्री चुनाव हार गये, 2019 में चाय मंत्री का क्या होगा”?

बता दें कि बीजेपी की राजस्थान में करारी हार हुई है। पिछली बार 163 सीटों के साथ सूबे की सत्ता में आई बीजेपी इस बार 73 सीटों पर ही सिमट कर रह गई।

बीजेपी की यह शिकस्त कितनी करारी है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूबे की वसुंधरा राजे सरकार के 30 में से 20 मंत्री भी जीतने में नाकाम रहे।

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इनमें से दो ने अपने बेटे को टिकट दिलाया था और बेटों को भी हार का सामना करना पड़ा।

जो मंत्री जीते हैं उसमें पुष्पेंद्र सिंह और किरण महेश्वरी को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी मंत्री बड़ी मुश्किल से जीते हैं। इनमें गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया तो महज़ 800 वोटों से जीते हैं।

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