लोकसभा से तीन तलाक बिल को हरी झंडी मिलने के बाद अब राज्यसभा में भी इसे पास कराने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार जद्दोजहद कर रही है। विपक्ष यहां भी इस बिल का विरोध कर रहा है और इस बिल को प्रवर समिति को भेजने की मांग कर रहा है।

दरअसल, विपक्ष बिल में तीन तलाक को आपराधिक मामला बनाने और तीन साल की सजा के प्रावधान के खिलाफ़ है। लेकिन सरकार अपने प्रस्ताव पर अडिग है।

उसका कहना है कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के अधिकार के लिए है, इसलिए इसे सख्त बनाने के लिए सज़ा का प्रावधान ज़रूरी है।

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वहीं विपक्षी इस बिल को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे हैं। विपक्षियों का कहना है कि सरकार महिलाओं के अधिकार के नाम पर मुसलमानों को अपना निशाना बनाना चाहती है, उसे महिलाओं के अधिकार की कोई चिंता नहीं है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि जो बीजेपी मुस्लिम महिलाओं के पतियों को गाय के नाम पर मारने वालों को माला पहनाकर सम्मानित करती है, वो मुस्लिम महिलाओं के हक़ की बात कैसे कर सकती है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी मुस्लिम महिलाओं के अधिकार के नाम पर ढ़ोंग कर रही है, वह इसके ज़रिए 2019 लोकसभा की तैयारी कर रही है।

उसका मक़सद मुस्लिम महिलाओं को अधिकार और न्याय दिलाना नहीं, बल्कि इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करना है।

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