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बीजेपी सरकार की अगर सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदी लगाने की कोई नीति है तो वह सभी धर्मों के लोगों पर एक समान तौर पर लागू करे।
ऐसा कहना है बसपा सुप्रीमो मायावती का। जिन्होंने नॉएडा के सेक्टर-58 थाने ने 23 कंपनियों को नोटिस जारी करके पार्क में नमाज न पढ़ने का आदेश देने पर बीजेपी और योगी सरकार पर जमकर बरसी है।
मायावती ने योगी सरकार पर सवाल किया कि जब नोएडा में उस स्थल पर फरवरी 2013 से ही जुमे की नमाज लगातार हो रही है तो चुनाव के समय उस पर पाबंदी लगाने का क्या मतलब है। ये कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार के पास कोई नीति है तो हर जिले में लागू करें। बिना भेदभाव के यह नियम हर जिले में लागू क्यों नहीं होता। एकतरफा कार्रवाई अति गैर जिम्मेदाराना है।
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मायावती ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार की नीयत और नीति दोनों पर ही उंगली उठना व धार्मिक भेदभाव का आरोप लगना स्वाभाविक है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह धार्मिक विवाद पैदा कर बीजेपी अपनी सरकार की कमियों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है।
यूपी में मोदी सरकार के लिए चुनौती बनी मायावती ने कहा कि हाल ही में पांच राज्यों में हुए में मिली करारी हार से बीजेपी के वरिष्ठ नेता कितना घबराए हुए हैं। अब उसी हताशा और निराशा से गलत फैसले ले रहें है।
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ऐसा करके वो सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में केंद्र की मोदी सरकार का भी हर काम धार्मिक उन्माद बढ़ाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला प्रतीत हो रहा है। ये अति निंदनीय है।जनता इनकी इस प्रकार के षड्यंत्रों को अच्छी तरह से समझ गई है और इनके किसी भी बहकावे में आने वाली नहीं है।
बता दें कि यूपी के नॉएडा में कंपनी का कोई मुस्लिम कर्मचारी पार्क में नमाज़ पढ़ने नहीं जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो ये समझा जाएगा कि कंपनी ने अपने कर्मचारी को पुलिस के नोटिस से अवगत नहीं कराया है। फिर जवाबदेही उक्त कंपनी की होगी।