सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन समारोह के दौरान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की गुंडागर्दी का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें तिवारी को आप समर्थकों और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से हाथापाई करते देखा जा सकता है।

दरअसल, मनोज तिवारी बिना निमंत्रण के उद्घाटन समारोह में सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण का क्रेडिट लेने पहुंचे थे। जब वह अपने लोगों के साथ तेज़ी से मंच के करीब जाने लगे तो आप समर्थकों और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की।

लेकिन वह रुकने को तैयार नहीं हुए और आप समर्थकों के साथ ही पुलिस पर भी बरस पड़े। बताया जा रहा है कि इस दौरान तिवारी ने एक पुलिस अधिकारी को धमकी देते हुए मुक्के से मारा।

पुलिस के साथ की गई इस बदसलूकी के बाद से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। विपक्षी नेताओं से लेकर कई पत्रकारों और मशहूर हस्तियों ने यह सवाल उठाया है कि पुलिस अधिकारी से मारपीट करने वाले मनोज तिवारी को आख़िर पुलिस गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही?

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आप नेता अंकित लाल और दिलीप पांडेय के साथ ही पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी पुलिस के साथ बुरा बर्ताव करने के लिए मनोज तिवारी की गिरफ्तारी की मांग की है।

वहीं जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने इस मामले को लेकर पुलिस के दोहरे रवैये पर सवाल खड़े किए हैं।

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उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “क्या होता अगर सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन मोदी या अमित शाह या फिर योगी आदित्यनाथ कर रहे होते और अरविंद केजरीवाल या अमानतुल्लाह खान समारोह भंग करने की कोशिश करते या काला झंडा दिखाते”।

उन्होंने अपने इस ट्वीट के साथ कई केस का ज़िक्र किया है, जिनमें काला झंडा या फिर बीजेपी का विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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