sana ganguly
Sana Ganguly

बीसीसीआई चीफ़ एवं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली  ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में बीते कल एक पोस्ट इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद वह बीजेपी समर्थकों के निशाने पर आ गईं। जिसके बाद अब सौरव गांगुली को उनके बचाव में उतरना पड़ा है।

सौरव गांगुली ने ट्वीट कर लिखा, “कृपया सना को इन सब मामलों से दूर रखें। वह पोस्ट सच नहीं है। वह बहुत छोटी है और राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती”। बता दें कि सना ने अपने पोस्ट में नागरिकता कानून का विरोध करते हुए संघ और सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा था। जिसके बाद वह बीजेपी और संघ समर्थकों के निशाने पर आ गईं थीं।

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सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने उन्हें ट्रोल करते हुए कहा था कि उनके पिता को बीसीसीआई चीफ़ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ही बनाया है, जिनका वह विरोध कर रही हैं।

सौरव गांगुली के इस ट्वीट को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सौरव गांगुली ने सना को लेकर ये बयान इसीलिए दिया है क्योंकि वह बीसीसीआई पद को नहीं खोना चाहते। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत भूषण ने सौरव गांगुली के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सौरव गांगुली आपने बीसीसीआई अध्यक्ष बनने और शाह के बेटे के पैरों के नीचे बैठने के लिए अपनी आत्मा बेच दी है। कट्टरता और घृणा के खिलाफ खड़े होने और संविधान का बचाव करने के लिए अपनी बेटी पर गर्व करने के बजाय, आपने उसे अपमानित किया!”

इससे पहले सना गांगुली ने विवादित नागरिक कानून के विरोध में खुशवंत सिंह के उपन्यास ‘द एंड आफ इंडिया’ का एक हिस्सा इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। जिसमें कहा गया है, ”नफरत की बुनियाद पर खड़ा किया गया आंदोलन लगातार भय और संघर्ष का माहौल बनाकर ही जिंदा रह सकता है। आज जो खुद को मुस्लिम या ईसाई नहीं हैं, सोचकर सुरक्षित समझ रहे हैं, वे मूर्खों के स्वर्ग में रह रहे हैं।”

इसमें यह भी कहा गया, ”संघ पहले ही से वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमोन्मुखी युवाओं को निशाना बना रहा है। कल स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं, मांस खाने वाले लोगों, शराब पीने, विदेशी फिल्में देखने वालों से भी नफरत में बदल जायेगा। दंतमंझन की जगह टूथपेस्ट का इस्तेमाल करो, वैद्य की जगह एलोपैथिक डाक्टर के पास जाओ, किसी के स्वागत में हाथ मिलाने या किस करने की बजाय जय श्रीराम कहना होगा। कोई भी सुरक्षित नहीं है। अगर भारत को जिंदा रखना है तो हमें यह समझना होगा।”

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