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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप है कि वो सरकार का विरोध करने वाले पत्रकारों को इंटरव्यू नहीं देते। हालाँकि अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने कई इंटरव्यू दिए लेकिन उनपर आरोप लगे कि वो इंटरव्यू पूर्व निर्धारित थे।
नए साल 2019 का सबसे पहला इंटरव्यू पीएम मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश को दिया। इस इंटरव्यू पर सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी के जवाब कुछ स्मिता प्रकाश ने दिए तो कुछ खुद पीएम ने।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने जो वादे सत्ता में आने से पहले किए थे उसपे स्मिता प्रकाश ने न तो सवाल किए और न मोदी ने उनका जवाब दिया।
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समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने ट्वीटर के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है।
उन्होंने लिखा है कि, “मोदी जी ने इंटरव्यू में वही जुमले बोले हैं जो पांच साल से दुहरा रहे हैं। किसान की कर्जमाफी पर उन्होंने चुप्पी साधी, माध्यम वर्ग को राहत देने पर चुप्पी साढ़े रहे।”
उन्होंने आगे लिखा है, “युवाओं के रोजगार पर चुप्पी और हार की जिम्मेदारी लेने से भागना। साफ़ है कि मोदीजी मान चुके हैं कि अब उनके झोला उठाने का वक़्त आ गया है।”
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पीएम मोदी ने हिंदी बेल्ट के हिंदी राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के चुनाव हारने के सवाल पर बचते हुए दिखाई दिए और कहा कि उनके लिए साल 2018 अच्छा गुजरा है क्योंकि उनकी सरकार ने आयुष्मान योजना लागू की है।