2019 लोकसभा चुनाव के लिए कुछ ही समय शेष है इसलिए देश की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी चौतरफा घिरती जा रही है और उस पर हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं ।

दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली बड़ी जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित है। वहीं दूसरी तरफ सपा और बसपा गठबंधन चुनौती दे रहा है।

इस महागठबंधन का 2019 के चुनाव में क्या असर होगा इसी पर बोलता हिंदुस्तान ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और अखिलेश यादव के खास माने जाने वाले सुनील सिंह यादव से बातचीत की।

जिसमें उन्होंने दावा किया कि मुलायम और कांशीराम ने मिलकर 90 के दशक में बीजेपी को रोका था लेकिन अब अखिलेश और मायावती की जोड़ी मिलकर 2019 में भाजपा को खत्म कर देगी।

जब समाजवादी पार्टी प्रवक्ता से सवाल किया गया कि अगर 2019 के चुनाव में भाजपा मंदिर-मस्जिद और राम के नाम की राजनीति करेगी तो सपा बसपा इसका कोई तोड़ निकाल सकेगा या नहीं ?

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इस पर जवाब देते हुए सुनील सिंह ने कहा- माननीय मुलायम और कांशीराम ने भाजपा को रोका था मगर अब अखिलेश और मायावती के नेतृत्व में सपा और बसपा का गठबंधन बीजेपी को खत्म कर देगा। बीजेपी चाहे भगवान राम के नाम का सहारा ले या धर्म में बटवारा करने की साजिश रचे, उसकी इस नफरत की राजनीति को जनता नकार देगी ।

अपने इस दावे को मजबूती देते हुए उन्होंने तर्क दिया कि पहले नेताजी मुलायम सिंह यादव और कांशीराम में गठबंधन हुआ था फिर बाद में ये गठबंधन नीचे जनता तक गया लेकिन इस बार गठबंधन नीचे से जनता ने खुद कर लिया है और बाद में नेतृत्व ने स्वीकारा है।

इसलिए इस बार का गठबंधन बेहद असरदार होगा । पिछली बार बीजेपी को सत्ता में आने से रोक लिया गया था और इस बार का गठबंधन बीजेपी को खत्म कर देगा।

वह राज्य और केंद्र में सत्ता चला रही बीजेपी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहते हैं- बीजेपी घोटाले करती है तो भी भगवान राम का नाम लेती है। बीजेपी के पास नारे तो बहुत अच्छे हैं लेकिन जनता के सवालों का जवाब नहीं होता।

जब पूछो कि रोजगार दिया तो प्रधानमंत्री कहते हैं ‘वंदे मातरम’ जब उनसे पूछो कि गंगा मां साफ हुई तो कहते हैं भारत माता की जय दरअसल ये नारे बीजेपी की देशभक्ति को नहीं दिखाते बल्कि वह अपने कर्मों को छुपाने के लिए इस तरह के नारे दिए जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा की भारत माता जिंदाबाद है लेकिन भारत माता के नौजवान बेटों का क्या हश्र किया जा रहा है। उन बेरोजगारों को सड़कों पर लाठियां बरसाई जा रहे हैं, योगी सरकार युवाओं पर अत्याचार कर रही है।

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सपा प्रवक्ता ने बीजेपी को ना सिर्फ सांप्रदायिक बल्कि जातिवादी पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि जब से यह सामंती सोच के लोग सरकार में आए तब से मनुवादी व्यवस्था चल रही है। जगह-जगह आरक्षण को खत्म किया जा रहा है और दलितों पिछड़ों को दरकिनार किया जा रहा है। इसीलिए इस बार दलित और पिछड़े एकजुट हो गए फिर उनके नेता भी एक साथ आ गए।

उत्तर प्रदेश में दलितों और पिछड़ों का महागठबंधन हुआ है, जिसका नेतृत्व अखिलेश यादव और मायावती कर रहे हैं। इसलिए निसंदेह ये गठबंधन भारतीय जनता पार्टी को खत्म कर देगा।

सुनील सिंह ने बीजेपी पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद संस्थाओं में जितनी भर्तियां हुई है वहां पर आरक्षण खत्म कर दिया गया है। जिससे पिछड़े और दलित वंचित रह गए हैं। सीएम योगी भी यही सब कर रहे हैं । बड़ी-बड़ी संस्थाओं, विश्वविद्यालय और कॉलेजों में आरक्षण खत्म कर रहे हैं पिछड़ों को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं।

योगी को ये समझना चाहिए कि बाबा साहब अंबेडकर के साथ सिर्फ तस्वीर लगाने से काम नहीं चलेगा बल्कि बाबा साहब ने पिछले और दलितों के को संविधान में जो अधिकार दिया है उसको अमल में लाना होगा।

सामाजिक और आर्थिक तरक्की के लिए बाबा साहब द्वारा दिए गए अधिकार को अमल में लाने के लिए अगर सबसे बड़ी कोई बाधा है तो बीजेपी, मोदी और योगी आदित्यनाथ हैं। इसलिए जब भाजपा वाले बाबा साहब की तस्वीर अपने साथ लगाते हैं तो वह उनका मजाक उड़ाते हैं।

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