श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद रक्षा सचिव हेमसिरी फर्नांडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सुरक्षा में हुई चूक की वजह से फर्नांडो को इस्तीफा देने के लिए कहा था।

राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने पहले से खुफिया सूचना होने के बावजूद विस्फोटों को रोकने में नाकाम रहने की वजह से रक्षा सचिव फर्नांडो के साथ ही पुलिस महानिरीक्षक पुजीत जयसुंदरा को अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए कहा था। जिसके बाद राष्ट्रपति के अनुरोध पर गुरुवार को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा। हालांकि पुलिस महानिरीक्षक पुजीत जयसुंदरा ने अभी तक औपचारिक तौर पर इस्तीफा नहीं दिया है।

इस ख़बर के सामने आने के बाद अब भारत में भी यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या पुलवामा हमला इंटेलिजेंस की नामाकी का नतीजा नहीं था? यह तो ज़हिर है कि बिना सुरक्षा में चूक के इतने बड़े आतंकी हमले को अंजाम नहीं दिया जा सकता। इसलिए यह कहना कि सुरक्षा में कोई कमी नहीं थी, ये बेतुका होगा।

धमाकों के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति रक्षा सचिव से इस्तीफा मांगते हैं, मोदी पुलवामा के बाद वोट मांगते हैं

अब सवाल यह उठता है कि जब सुरक्षा में चूक की बात स्थापित हो चुकी है तो फिर यहां किसी का इस्तीफा क्यों नहीं देखने को मिला? 44 जवानों की शहादत पर वोट मांगने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत दोभाल या फिर यहां के रक्षा सचिव संजय मित्रा से इस्तीफा नहीं मांगते?

बता दें बीते रविवार 21 अप्रैल को श्रीलंका में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे। धमाके में 359 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज़्यादा लोग घायल हुए। घटना के बाद से ही वहां प्रशासन मुस्तैद है। पुलिस की कार्रवाई में अबतक 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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