भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी आज कल विपक्ष पर कम अपनी ही पार्टी पर ज्यादा हमला कर रहे हैं।

6 साल पहले हुई नोटबंदी को लेकर स्वामी ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि ‘नोटबंदी से 6 घंटे पहले एक वरिष्ठ नेता ने अपने करोड़ों के कालेधन को नए नोटों में बदल दिया था”

6 नवम्बर 2016 को मोदी सरकार ने इस देश में नोटबंदी की थी, उस वक़्त सरकार का कहना था कि देश से भ्रष्टाचार , काला धन खत्म हो जाएगा। उस वक़्त देश से प्रधानमंत्री मोदी ने 50 दिन मांगे थे।

कहा था कि अगर मेरी कोई गलती निकल जाए तो देश जो सजा देगा मुझे स्वीकार होगी। आज देश और विपक्ष उनसे जवाब मांग रहा है, परन्तु सरकार के खेमे में शान्ति है।

मोदी सरकार का दावा था कि नोटबंदी के बाद से देश में कैश कम हो जाएगा जिससे काले धन पर रोक लगेगी। परन्तु आज विपक्ष सरकार से पूछ रही है कि कैश 72% क्यों बढ़ गया है?

नोटबंदी के 6 साल के बाद भी मोदी सरकार का कोई हलफनामा नहीं आया है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख़ भाषा में सरकार से एक महीने के भीतर दूसरी बार स्थगन की मांग की है।

इस पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि “6 साल हो गए नोटबंदी को और सुप्रीम कोर्ट केवल शर्मिंदा है, कितना सुविधाजनक है”

इस पर सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा “मुझे पता है कि एक वरिष्ठ नेता में पीएम की घोषणा से 6 घंटे पहले वेस्टर्न इंडिया के ऑपरेटिव बैंक में अपने करोड़ों के काले धन को नए नोटों में बदल दिया ‘क्या यह व्यक्तिगत है?”

आगे सुब्रमण्यम स्वामी एक और ट्वीट में लिखते है कि ‘जो लोग तानाशाही में विश्वास करते हैं वे पार्टी के सदस्यों द्वारा किए गए अपराधों पर चुप्पी साधते है।

मेरा मानना है कि पार्टी की, सरकार की नीतिगत बातों को मीडिया में पार्टी के लोगो द्वारा उजागर किया जाना चाहिए। बेशक मैंने किसी नेता पर अपनी पत्नी को धोखा देने या फिर नाजायज बच्चों का पिता होने का आरोप नहीं लगाया है।

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