बीते साल मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रासुका के तहत जेल में बंद गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।

जिसके तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले की मेरिट पर तेजी से विचार करने और सुनवाई करने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को आदेश दिया है कि 15 दिनों के अंदर यह तय किया जाए कि डॉ कफील खान को रिहा किया जा सकता है या नहीं।

गौरतलब है कि डॉ कफील खान को हिरासत में लेने के खिलाफ यह अर्जी उनकी मां नुजहत परवीन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी।

आपको बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 15 दिसंबर को हुए बवाल के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर कफील खान छात्रों के समर्थन में यूनिवर्सिटी गए थे। जहां पर उनके द्वारा दिए गए भाषण को लेकर विवाद खड़ा हुआ था।

29 जनवरी को यूपी एसटीएफ की टीम ने डॉक्टर कफील खान को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें 1 फरवरी को अलीगढ़ लाया गया था। उनके खिलाफ अलीगढ़ में 13 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। 10 फरवरी को सीजेएम कोर्ट ने डॉ कफील को जमानत दे दी थी लेकिन तीन दिन तक उन्हें रिहा नहीं किया गया, बल्कि प्रशासन ने डॉ कफील पर रासुका की कार्रवाई कर दी।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर डॉ कफील खान की रिहाई की मांग को लेकर कई बार कैंपेन चलाएं जा चुके हैं। डॉ कफील खान के समर्थक उनके खिलाफ लगाई गई रासुका के मामले में कई बार योगी सरकार का घेराव कर चुके हैं।

दरअसल डॉ कफील पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाबा ए सैयद गेट पर आयोजित सभा के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था और देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं के खिलाफ टिप्पणी की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here