भाजपा के साथ 30 वर्षों तक रही शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नागरिकता बिल पर बड़ा बयान आया है। शिवसेना बिल पर अपना रुख साफ़ किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम समर्थन नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे। अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए। वे भी हमारे नागरिक हैं, इसीलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए।”

उद्धव ठाकरे का बयान ऐसे समय में आया है जब लोकसभा में बिल पास होने से पहले शिवसेना ने इसका विरोध किया था, फिर जब इस सदन में पेश किया गया तो शिवसेना के सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया।

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इससे पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना में इसकी आलोचना करते हुए सवाल उठाए थे कि क्या हिन्दू अवैध शरणार्थियों की चुनिंदा स्वीकृति देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का काम नहीं करेगी।

साथ ही सामना में मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया गया है कि, यह बिल हिन्दुओं और मुस्लिमों का अदृश्य विभाजन करने वाला है। विधेयक की आड़ में ‘वोट बैंक की राजनीति’ करना देश के हित में नहीं है। फिर वहीं इतना बोलने के बाद भी शिवसेना ने संसद में नागरिकता बिल का समर्थन किया!

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हालाँकि शिवसेना ने नागरिकता बिल का संसद में समर्थन किया, लेकिन वहीं उद्धव ठाकरे इस बिल पर विरोधाभाषी बयान दे रहे हैं। क्योंकि, अगर शिवसेना के सांसद लोकसभा में इस बिल को समर्थन नहीं देते तब उद्धव ठाकरे के बयान को सही ठहराया जा सकता था।

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