ईवीएम से जुड़ी दिक्कतें ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। तीन चरण का चुनाव ख़त्म हो चुका है मतलब ये कि करीब 300 लोकसभा सीटों पर मतदान पूरे हो चुके है। मगर ईवीएम में गड़बड़ी की ख़बर लगातार देश के हर कोने से आ रही है। ताजा मामला असम का हैं जहाँ VVPAT ख़राब हुई तो सजा के डर से किसी अधिकारी ने शिकायत ही नहीं दर्ज की।

दरअसल असम के पूर्व डीजीपी हरेकृष्ण डेका ने दावा किया है कि गुवाहाटी के पोलिंग बूथ पर VVPAT मशीन में खराबी थी। वीवीपैट पर मतदान करने के बाद उस शख्स का नाम डिस्प्ले नहीं हुआ जिसे उन्होंने वोट दिया था।

पूर्व डीजीपी ने कहा कि इस मामले की शिकायत ही दर्ज नहीं कराई गई। क्योंकि उन्हें डर था कि अगर शिकायत गलत पाई गई तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।

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उन्होंने आगे कहा कि गुवाहाटी में लचित नगर के एल. पी. स्कूल में मेरा पोलिंग बूथ था और मतदान करने वाला मैं पहला शख्स था। न जाने क्यों मतदान में थोड़ी देरी हुई। जब मैंने वोट दिया तो VVPAT ने उस शख्स का नाम नहीं दिखाया जिसके सामने मैंने बटन दबाई थी। मुझे वहां पर किसी और शख्स का नाम दिखा।

बता दें कि विपक्षी दलों ने VVPAT के 50% पर्चियों को EVM से मिलान करने की मांग की। सभी दलों ने वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मिलान करने की मांग को लेकर मंगलवार को एक बार फिर दोहराते हुए उच्चतम न्यायालय में नयी चनौती पेश करने की घोषणा की।

विपक्षी नेता 13 अप्रैल को भारतीय चुनाव आयोग से मिल चुके हैं। विपक्षी नेताओं ने वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची के संबंध में कहा कि पर्ची तीन सेकंड की बजाय सात सेंकंड तक मतदाता को दिखना चाहिए।

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