अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के एक वीडियो पर दक्षिणपंथी संगठनों ने हंगामा खड़ा कर दिया है। नसीरुद्दीन शाह ने जिस डर के महौल पर चिंता जतायी थी,

वही डर दिखाकर दक्षिणपंथी पूछ रहे हैं कि डर क्यों रहे हो? इस हंगामें की वजह से नसीरुद्दीन शाह को अजमेर साहित्य महोत्सव का कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा है।

दरअसल नसीरुद्दीन को अजमेर में आयोजित साहित्य महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करना था। लेकिन कार्यक्रम स्थल के बाहर दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के कारण उन्होंने कार्यक्रम में आने से मना कर दिया।

नसीरुद्दीन शाह के बयान पर हंगामा खड़ा करने वालों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए चर्चित किताब कश्मीरनामा के लेखक अशोक कुमार पाण्डेय ने फेसबुक पर लिखा है…

‘अगर नसीरूद्दीन शाह का कहा आपको चुभ रहा है तो यक़ीन जानिये आप अख़लाक़ और पहलू खान के हत्यारों के हमदर्द हैं, आप मानते हैं कि कलबुर्गी जैसों की हत्या जायज़ है, आप भीड़ द्वारा मार दिए गए इंस्पेक्टर और लखनऊ में पुलिस द्वारा मार दिए गए इंजीनियर के हत्यारों के हमदर्द हैं।

आप उनमें से हैं जो मानते हैं कि सोहराबुद्दीन को किसी ने नहीं मारा। आप कहानी-कविता करते रहिये लेकिन असल में आप हत्यारों के गिरोह के वकील हैं।

आप आगरा में जला कर मार दी गई लड़की को लेकर एक पोस्ट भले लिख दें लेकिन उसके हत्यारों को किसी सज़ा के पक्ष में नहीं है दिल से।

अगर आपको वहाँ हँसी आती है जहाँ नसीर साहब को गुस्सा आया तो आपके भीतर एक हत्यारा पल रहा है और हाँ उसी हत्यारे से हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए डर लगता है।’

बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ‘कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया’ द्वारा किए गए वीडियो साक्षात्कार में कहा था ‘जहर फैलाया जा चुका है’ और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा। इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा।

जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की मौत से ज्यादा तवज्जो दी गई।’

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